मथुरा। वर्ष 2017 में जीएलए विश्वविद्यालय आईएसीबीई का सदस्य बना और 2018 में कैंडीडेसी स्टेट्स प्राप्त होने बाद अब बिजनेस मैनेजमेंट को मान्यता प्रदान की है। जीएलए भारत का सातवां ऐसा विश्वविद्यालय है जिसे आईएसीबीई ने 7 वर्ष के लिए मान्यता दी है। इससे पूर्व जनवरी 2020 में अमेरिका से निरीक्षण के लिए आयी 3 सदस्यीय टीम ने जीएलए का भ्रमण कर आउटक्रम असेस्मेंट, स्ट्रटीजिक प्लानिंग, पाठ्यक्रम, फैकल्टी, रिसर्च, प्रोफेशनल गतिविधयां एवं शिक्षा में इनोवेशन को जाना और बेहतर स्थिति में पाया।
विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने बताया कि अमेरिका की प्रसिद्ध संस्था इंटरनेशनल एक्रीडिटेशन काउंसिल फाॅर बिजनेस एजूकेशन (आईएसीबीई) एक ऐसी संस्था है, जो विश्व के श्रेष्ठ बिजनेस इंस्टीट्यूशंस को उनकी शैक्षणिक गुणवत्ता को उनके शैक्षणिक संसाधनों के बजाय उनके द्वारा उत्पन्न परिणामों को देखते हुए बिजनेस इंस्टीट्यूशंस का एक्रीडिटेशन (मान्यता) प्रदान करती है।
ये संस्था किसी भी अकादमिक बिजनेस संस्था के सभी स्तरों पर सम्पूर्ण प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों की लर्निंग और उसके आॅपरेशनल आउटकम को मापती है। दूसरे शब्दों में कहें तो वह अकादमिक गुणवत्ता को शैक्षणिक प्रक्रिया द्वारा विद्यार्थियों को दी गई शिक्षा के परिणाम को ज्यादा महत्त्व देती है, न कि किसी किस्म के अन्य सुविधाओं को। यानि शिक्षा के उपरांत विद्यार्थी में क्या एच्छिक बदलाव आया इसको मापकर मान्यता प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि यह एक्रीडिटेशन आईएसीबीई से जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा (उ.प्र.) के सम्पूर्ण प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए पीएचडी, एमबीए, बीबीए एवं बीकाॅम आॅनर्स सभी स्तर के कोर्सेज के लिए मिला है। यह इस बात का प्रमाण है कि जीएलए में दी जा रही शिक्षा एवं टीचिंग-लर्निंग प्रोसेस की गुणवत्ता अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हैं। विश्वविद्यालय के गुणवत्ता स्तर को देखते हुए जीएलए को 7 वर्ष के लिए अपनी मान्यता प्रदान की है। आईएसीबीई जैसी संस्था की मान्यता विद्यार्थियों को इस बात का आश्वासन देती है कि वह मैनेजमेन्ट संस्थान जो इसके सदस्य हैं। वह बिजनेस मैनेजमेन्ट के क्षेत्र में विश्वस्तरीय मानकों का पालन कर रहे हैं।
सहनिदेशक पुष्कर शर्मा ने बताया कि आईएसीबीई ने भारत भर में अब तक 6 संस्थानों को मान्यता दी है। जीएलए भारत का 7वां विश्वविद्यालय है। वैसे तो आईएसीबीई अब तक 28 देशों के 1500 से अधिक बिजनेस स्कूलों को मान्यता प्रदान कर चुका है। उन्होंने बताया कि जनवरी 2020 में अमेरिका से निरीक्षण के लिए आयी 3 सदस्यीय टीम ने जीएलए का भ्रमण कर आउटक्रम असेस्मेंट, स्ट्रटीजिक प्लानिंग, पाठ्यक्रम, फैकल्टी, रिसर्च, प्रोफेशनल गतिविधयां एवं शिक्षा में इनोवेशन को जाना और अपनी रिपोर्ट बोर्ड कमिश्नर को सौंपी और 30-31 मार्च 2020 को हुई बैठक में बोर्ड ऑफ कमिश्नर ने निर्धारित किया कि जीएलए इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट ने एक उचित गुणवत्ता प्रबंधन प्रणाली विकसित की है।
कुलपति प्रो. आनंद मोहन अग्रवाल ने मैनेजमेंट विभाग के सभी पदाधिकारी और छात्रों को इस विशिष्ट उपलब्धि के लिए बधाई दी।