अनलाॅक-1 की गाइड लाइन में सरकार ने कहा है कि जुलाई में एहतियात के साथ स्कूल खोले जाएंगे। इस बीच इजरायल से जो खबर आयी है वो परेशान करने वाली है। इजरायल में कोरोना पर नियंत्रण के बाद स्कूलों को खोला गया था। स्कूल खुलते ही वहां कोरोना के केस सामने आने लगे है। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट में बताया गया कि जो नए मामले सामने आए है उसमें अधिकांश स्कूली छात्र और टीचरों के है।
ताजा मामला येरूशलम के जिम्नेशिया हाईस्कूल का है। यहां एक साथ 130 छात्र, टीचर और स्टाॅफ कोरोना से संक्रमित पाए गए है। इस रिपोर्ट के बाद सरकार में हड़कंप मच गया है। यहां 40 से अधिक स्कूल बंद कर दिए गए है। 7 हजार से अधिक छात्र और टीचरों को क्वारंटीन किया गया है। इसी के साथ सरकार ने एक पाॅलिसी बनाई है कि जिस स्कूल में एक भी कोरोना का केस है उसे तत्काल बंद कर दिया जाए।
इजरायल जैसे साधन संपन्न और तकनीकि में दक्ष देश की तुलना में भारत की स्थिति और भी खराब है। यहां आबादी भी कहीं ज्यादा है। इन सब के बीच भारत सरकार की स्कूल खोलने की तैयारी अभिभावकों को परेशान करने वाली है। अभिभावको की मन स्थिति इसी बात से समझी जा सकती है कि सोशल मीडिया पर स्कूल न खोले जाने को लेकर चलाई जा रही मुहिम से लाखों लोग जुड़ रहे है और अपने सुझाव सरकार को दे रहे है। इस मुहिम का सार ये है कि नो वैक्सीन-नो स्कूल फाॅर्मूला ही लागू हो, तब तक बच्चों को शैक्षणिक कार्य आनलाइन ही कराया जाए।