मथुरा। यह मामला गोवर्धन क्षेत्र के एक गांव का है। रविवार सुबह तकरीबन चार बजे दौड़ लगाने जा रहे युवकों को गांव के चंद्र बिहारी मंदिर से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी। युवकों ने समीप जाकर देखा तो कपड़े में लिपटी हुई नवजात बच्ची थी।
इन युवकों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस बच्ची को सीएचसी गोवर्धन ले आई। बच्ची को अस्पताल में नर्स व अन्य कर्मचारियों ने पहचान लिया, क्योंकि नर्स ने जिस कपड़े में बच्ची को लपेटा था, उसी कपड़े में लिपटी बच्ची मिली। बच्ची को सरकारी अस्पताल की चिमटी भी लगी थी। स्टाफ नर्स सलौनी ने उसकी डिलीवरी की थी।
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए नवजात बच्ची की मां को उसके मायके से पकड़ लिया। पुलिस मां को अस्पताल लेकर आई, लेकिन उसने बच्ची को लेने से इंकार कर दिया। उधर, बच्ची को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। उसकी मां को भी सीएचसी पर भर्ती करा दिया गया है। वो रात में डिलीवरी के बाद चकमा देकर भाग गई थी। नवजात की मां, पति से झगड़े के बाद कई वर्ष से अपने मायके में ही रह रही है। महिला की मां ने बताया कि उसकी बेटी की शादी 11 वर्ष पूर्व क्षेत्र के ही एक गांव निवासी व्यक्ति के साथ हुई थी। झगड़ा होने के कारण पति उसे लेने नहीं आया। उसके देवर का घर में आना-जाना था।
इधर इस पूरे मामले की जानकारी चाइल्डलाइन सदस्य द्वारा सीडब्ल्यूसी अध्यक्षा को दी गई। चाइल्ड लाइन कॉर्डिनेटर नरेन्द्र परिहार ने बताया कि बालिका के स्वस्थ होने पर उसे बाल कल्याण समिति के आदेश पर राजकीय बाल (शिशु) गृह में आश्रय प्रदान कराया जायेगा तथा समिति के दिशानिर्देश पर परिजनों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
लोकलाज से रात में अंधेरे में मंदिर की सीढ़ियों पर नवजात बच्ची को छोड़ गई कलियुगी मा, पकड़ी गई
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