मथुरा नगर में इन दिनों नमामि गंगे योजना के तहत जल निगम द्वारा सीवर की पाइप लाइन डालने का कार्य नगर भर में किया जा रहा है भरतपुर गेट से लेकर डीग गेट तक से लेकर अन्य गलियां और मथुरा वृंदावन रोड पर कई दिनों से खुदाई का कार्य चल रहा है इस कार्य की गति इतनी धीमी है कि जहां एक तरफ सुबह और शाम के वक्त और शहर में लंबा जाम लग जाता है ,,वही इन जगहों से उड़ने वाली धूल के चलते लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है,, पुलिस प्रशासन ने हालांकि वन वे ट्रैफिक की प्रणाली लागू की लेकिन उसका कोई सार्थक परिणाम नहीं निकला रोजाना के जाम के झाम से जनता को ही दो-चार होना पड़ता है,, कार्यदाई संस्था की लापरवाही का परिणाम है कि बिरला मंदिर के समीप एक मजदूर की पूर्व में मौत तक हो चुकी है लेकिन बावजूद इसके जल निगम ने अभी तक कोई सबक नहीं लिया है,, रोड चलता रहता है और जल निगम की पोकलेन मशीन और जेसीबी सड़क पर खुदाई करती रहती है वही यह सवाल ही पैदा होता है कि आखिर का जल निगम की कार्यप्रणाली और कार्रवाई संस्था की इतनी धीमी गति की मॉनिटरिंग आखिरकार कौन संस्था कर रही है क्या जिला प्रशासन इस लेटलतीफी को नहीं देख रहा है ऐसे में जब जबकि मथुरा धार्मिक नगरी है कोरोना महामारी के चलते भले ही इन दिनों मथुरा में श्रद्धालुओं की भीड़ ना के बराबर हो लेकिन यदि श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाए और बरसात का मौसम भी आने वाला है ऐसे में जगह-जगह गड्ढों में पानी भर जाए तो आखिरकार होने वाले हादसों का जिम्मेदार कौन होगा।