आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी एक जुलाई को है। इस दिन को देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन से भगवान विष्णु लगभग चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। उनके जाने के साथ ही शादी विवाह जैसे शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। इस बार मलमास की वजह से पांच महीने शादियां बंद रहेंगी। सूर्योदय से लेकर दिन के शाम 4:25 बजे तक एकादशी का मान होगा। इस दिन व्रत करने से पापों का नाश हो जाता है । मन -विचार शुद्ध एवं विकार रहित होता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करना श्रेयस्कर होता है। पीली वस्तुओं का भोग लगाने की परंपरा है। कमल पुष्प से मां का आह्वान करने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा मिलती है। वहीं 13 जून से विवाह सहित चल रहे अन्य मांगलिक कार्य एक जुलाई से फिर बंद हो जाएंगे। 25 नवंबर तक बंद रहने के बाद 26 नवंबर से एक बार फिर शादियां शुरू होंगी और 11 दिसंबर तक चलेंगी। 16 दिसंबर से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने से खरमास लग जाएगा। पांच महीने का होगा चातुर्मास दो जुलाई से चातुर्मास शुरू होगा और इस बार सह 27 नंबर तक रहेगा। आश्विन महीने में अधिक मास ( मलमास) लग रहा है जो 18 सितंबर 16 अक्टूबर तक रहेगा । इस वजह से चार महीने के बजाय पांच महीने का यह मास होगा।