ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर धर्मनगरी के मंदिरों में जलयात्रा का पर्व सादगी के साथ मनाया गया। परिक्रमा मार्ग में राजपुर स्थित विश्रामवट जगन्नाथ मंदिर एवं जगन्नाथ घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ का गंगा जल, यमुना जल एवं फलों के रस समेत जड़ी बूटियों से महाभिषेक किया गया। जिसमें ठाकुरजी अस्वस्थ हो जाने पर विश्रामगृह (क्वारंटाइन) में चले गए। अब 22 जून को स्वस्थ्य होने पर ही भक्तों को दर्शन देंगे। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन के कारण भक्त अपने आराध्य के महाभिषेक दर्शन नहीं कर सके।
प्राचीन मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को भगवान जगन्नाथ का जल, फलों के रस व जड़ी बूटियों आदि से महाभिषेक किया जाता है। जिसमें अधिक स्नान के कारण ठाकुरजी ज्वर से पीड़ित होने पर विश्रामगृह (क्वारंटाइन) में चले जाते हैं। जो 16 दिन उपचार के पश्चात आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया को रथयात्रा से एक दिन पूर्व संध्या के समय भक्तों को दर्शन देते हैं।
भगवान जगन्नाथ का पहले महाभिषेक हुआ, इसके बाद बीमार पड़े और 16 दिन के लिए हुए होम क्वारंटीन
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