रिपोर्ट – नरेंद्र सिंघल
सावन के महीने में तीसरे सोमवार का विशेष महत्व माना गया है। तीसरे सावन सोमवार पर सोमवती अमावस्या को लेकर भी भक्तों में आस्था दिखाई दी। जिस कारण से इस सावन सोमवार का महत्व और भी बढ़ गया है। सावन के तीसरे सोमवार के दिन शिव मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ रही और भगवान शिव एवं माता पार्वती के जयकारों से सारा मंदिर परिसर गूंज उठा, इस वर्ष कोरोना संकटकाल के कारण शासन के आदेशों का पालन करते हुए ज्यादातर मंदिरों में बहुत ही कम लोग ही जलाभिषेक कर सके। हालांकि इस दौरान लोगों ने अपने-अपने घरों में रहकर विधिवत रूप से सावन सोमवार पर भोलेनाथ की पूजा-आराधना जरूर की। मान्यता है सावन के महीने में शिव आराधना करने से सभी तरह की मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। कस्बा कोसीकलां के प्रमुख मंदिर तालाबशाही महादेव मंदिर, एवं कॉलोनियों के मंदिरों में विराजमान भोले नाथ की भी शिव भक्तों ने विधि विधान के साथ पूजा की।
कस्बा कोसीकलां से 9 किलोमीटर दूर स्थित नंदबाबा के गांव नंदगांव के नन्दमहल के ठीक सामने बिराजमान आशेश्वर महादेव पर भक्तों की आस्था दिखाई दी। मंदिर के महंत के अनुसार आसपास से आने वाले भक्तों ने बड़े ही भक्तिभाव से आशेश्वर महादेव पर दूध दही बेल पत्र फल फूल सहित पंचामृत सामिग्री से भगवान शिव का अभिषेक कर पूजा की और अपने परिवार की सुख शांति की मनोकामना की। इस मौके पर सेवायतों के द्वारा सभी श्रद्धालुओं से सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान का रखते हुए और लॉक डाउन का पालन करते हुए पूजा करने की अपील की गई। जिसका सभी भक्तों ने सहज रूप से पालन किया। बताया जाता है आशेश्वर महादेव की बडी ही मान्यता है। जिसकी वजह से सावन के महीने में दूर दराज के लोग भी आशेश्वर महादेव की पूजा करने आते है।
नंदगांव – तीसरे सोमवार को मंदिरों में भोलेनाथ की हुई विशेष पूजा
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