मथुरा। लोगों का कहना है कि विपत्ति के इस समय में जिस प्रकार सेठ नारायणदास ने अपना खजाना खोलकर असहाय लोगों की जो मदद की है, वह तारीफे काबिल है। इसलिए उन्हें पदमश्री के सम्मान से नवाजा जाना चाहिये।
उल्लेखनीय है कि जीएलए के कुलाधिपति सेठ नारायण दास अग्रवाल ने अपनी दरियादिली दिखाते हुए अब तक करोड़ों रुपए का दान किया है। उन्होंने न सिर्फ केंद्र व राज्य सरकारों के सहायता कोषों में विपुल धनराशि दी है अपितु प्रतिदिन भूखों के लिए हजारों भोजन के पैकेटों के वितरण की व्यवस्था हेतु तन-मन-धन से वह और उनका जीएलए परिवार जुड़ा हुआ है।
उन्होंने वर्तमान में विपदा के समय तो अपना कर्तव्य पूरा किया ही है किंतु इससे पूर्व भी उनकी समाज सेवा को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। जीएलए को विश्वविद्यालय का दर्जा दिला कर भी उन्होंने एक मिसाल कायम की है।
उक्त सभी बातों को देखते हुए ही उन्हें पदमश्री से नवाजा जाना उचित है। उन्हें पदमश्री दिए जाने की चर्चा तो पहले से ही चल रही थी किंन्तु अब यह मांग बलवती हो रही है। इस संबंध में नारायण दास अग्रवाल से चर्चा किए जाने पर उन्होंने कहा कि मैं इस दौड़ में नहीं हूं। मैं तो जैसा हूं, वैसा ही ठीक हूं। भले ही वह इस दौड़ में शामिल न हो किंतु जब राष्ट्रपति भवन से बुलावा आयेगा तो उन्हें जन भावनाओं का आदर करते हुए राजी राजी नहीं तो गैर राजी ही सही जाना ही पड़ेगा।
सेठ नारायण दास को पदमश्री से नवाजा जाए
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