Saturday, November 23, 2024
Homeशिक्षा जगतआगरा की ऐतिहासिक धरोहरों से रू-ब-रू हुए जी.एल. बजाज के छात्र

आगरा की ऐतिहासिक धरोहरों से रू-ब-रू हुए जी.एल. बजाज के छात्र

मथुरा। छात्र जीवन में पर्यटन का विशेष महत्व है। छात्र-छात्राएं जो बात पुस्तकों को पढ़कर नहीं समझ सकते उसे वे पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर बखूबी समझ सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर विभाग द्वारा आर्किटेक्चर एण्ड कंस्ट्रक्शन के मुख्य सिद्धांतों का अध्ययन कराने के लिए छात्रों और शिक्षकों के लिए एक शिक्षा यात्रा का आयोजन किया। इसके तहत छात्र-छात्राओं ने आगरा की ऐतिहासिक धरोहरों का न केवल भ्रमण किया बल्कि उनकी वास्तुकला से भी रू-ब-रू हुए।
जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के स्कूल आफ आर्किटेक्चर विभाग के डीन अश्वनी शिरोमणी के नेतृत्व में आर्किटेक्ट अंकित कुमार सिंह, मनोज सिंह, अरिहंत कुमार, जयकेशव मिश्रा, विश्वनाथ परमार, योगेश यादव, अनु मेंहदीरत्ता और छात्र-छात्राओं ने ताजमहल के अलावा आगरा का किला और फतेहपुर सीकरी की ऐतिहासिक धरोहरें देखीं तथा उनकी वास्तुकला के बारे में जानकारी हासिल की। छात्र-छात्राओं को ऐतिहासिक धरोहरों का अवलोकन कराने के बाद स्कूल आफ आर्किटेक्चर विभाग के डीन अश्वनी शिरोमणी ने बताया कि भारत प्राचीनकाल से ही आर्किटेक्ट का गढ़ रहा है। यहां की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतें एवं कलाकृतियां इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं। आज भी बड़े-बड़े शॉपिंग माल, कॉम्प्लेक्स, फाइव स्टार होटल तथा मेट्रो स्टेशन उस परम्परा को कायम होने का अहसास दिलाते हैं।
श्री शिरोमणी ने कहा कि ये ऐतिहासिक धरोहरें या फाइव स्टार होटल ऐसे ही बनकर तैयार नहीं हो जाते बल्कि इसके पीछे एक आर्किटेक्ट (वास्तुशिल्पकार) की जीतोड़ मेहनत छिपी रहती है जो अपनी रचनात्मक एवं कार्यकुशलता से उसे दर्शनीय रूप प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आर्किटेक्चर के अंतर्गत किसी भी बिल्डिंग की प्लानिंग एवं डिजाइनिंग से संबंधित तथ्यों का भी अध्ययन किया जाता है। श्री शिरोमणी ने बताया कि ताजमहल वास्तुकला के बुनियादी सिद्धांतों को सबसे अच्छी तरह से दर्शाता है तथा निर्माण के सरल तरीकों को भी नियोजित करता है।
आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डा. रामकिशोर अग्रवाल का कहना है कि छात्र-छात्राओं के लिए जितना किताबी ज्ञान आवश्यक है उतना ही उनके लिए शैक्षिक भ्रमण भी जरूरी है। आर्किटेक्चर एण्ड कंस्ट्रक्शन के सिद्धांतों को शैक्षिक भ्रमण से ही अच्छी तरह से सीखा जा सकता है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments