मथुरा। छाता के गांव नौगांव के धर्मवीर ने आखों में कमी के चलते सीएमओ कार्यालय में अस्थाई दिव्यांग प्रमाणपत्र बनवा लिया। यहां विकलांग बोर्ड ने धर्मवीर को दिव्यांग प्रमाणपत्र 40 प्रतिशत बनाया गया। धर्मवीर ने मंगलवार को तहसील दिवस में विकलांग बोर्ड में मौजूद जिला अस्पताल में कार्यरत डॉ. लाल सिंह से संपर्क किया और दूसरा दिव्यांग प्रमाणपत्र निर्गत करा लिया।
डॉ. लाल सिंह ने तहसील दिवस में मौजूद सीएमओ डॉ. शेर सिंह के हस्ताक्षर भी करा लिए गए। तहसील दिवस की समाप्ति के बाद सीएमओ के संज्ञान में मामला आ गया। सीएमओ ने विकलांग बोर्ड में मौजूद डॉ. मुनीष पौरुष एवं डॉ. प्रभाकर से इस बारे में पूछताछ की। डॉक्टरों ने सीएमओ को बताया कि प्रमाणपत्र 40 प्रतिशत का बना था। वहीं मंगलवार को जारी करवाया गया स्थाई प्रमाणपत्र 42 प्रतिशत का बनाया गया।
सीएमओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डॉ. लाल सिंह एवं संबंधित बाबू के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। वहीं तहसील दिवस में निर्गत किए गए दिव्यांग प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया गया है।
मथुरा के सीएमओ कार्यालय में विकलांगों का दिव्यांग प्रमाणपत्र बनाने के नाम पर खुलेआम रुपये की मांग की जाती रही है। बिना रुपये दिए डॉक्टर दिव्यांगों के प्रमाणपत्र नहीं बनाते। हाल ये है कि हड्डी के डॉक्टर ने आंखों की कमी का दिव्यांग प्रमाणपत्र बना डाला।
भ्रष्टाचार का खेलः हड्डी के डाक्टर ने आंखों की कम रोशनी का जारी कर दिया दिव्यांग प्रमाण पत्र
RELATED ARTICLES
- Advertisment -