मथुरा। हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. निर्विकल्प अग्रवाल के नाटकीय अपहरण, फिरौती और फिर बदमाशों को पकड़ने के बाद छोड़ने की कलंक कथा में खाकी बुरी तरह फंस गई है। एडीजी अजय आनंद के स्वतं संज्ञान लेने के बाद आईजी की जांच में पुलिस अधिकारियों के पसीने छूट रहे है। इस प्रकरण ने खाकी पर दाग लगा दिया है।
मामला दिसंबर माह का है। डा.निर्विकल्प अपने मानस नगर स्थित हाॅस्पीटल से राधापुरम स्थित आवास के लिए निकले। यहां से बदमाशों की गाड़ी उनके पीछे लग गई। बदमाशों ने मंडी चौराहे से आगे डाक्टर की गाड़ी को टक्कर मारकर रोक लिया और गाड़ी में सवार हो गए। इसके बाद बदमाशों ने चलती गाड़ी में ही फिरौती के लिए डाक्टर को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। मोटी रकम मांगी गई, डाक्टर के फोन से ही पत्नी को फोन लगाया। बेखौफ बदमाश घर के पास तक गाड़ी को ले गए, पत्नी को चेहरा दिखाकर फिरौती के 55 लाख वसूल लिए और करीब डेढ़ घंटे बाद डाक्टर को छोड़ दिया।
दो दिन बाद डाक्टर ने अपने दोस्त और आईएमए के पदाधिकारी और एक हाॅस्पीटल संचालक से पूरे मामले की चर्चा की। मामला पुलिस तक पहुंच गया। पुलिस के सूत्र ही बताते है कि पुलिस ने गाड़ी नंबर के आधार पर मेरठ से एक बदमाश को उठा लिया। फिरौती की रकम बरामद हो गई। चूंकि डाक्टर मामला दर्ज नहीं कराना चाह रहे थे ऐसे में पुलिस की नीयत बरामद रकम पर बिगड़ गई। इतना ही नहीं पकड़े बदमाश भी छोड़ने के लिए पुलिस को मोटी रकम देने को तैयार हो गए। इस पूरे मामले में आईएमए के एक पदाधिकारी ने पुलिस और पीड़ित डाक्टर के बीच अहम भूमिका निभाई। पुलिस ने दोनों हाथों से लड्डू खाए और मामला रफा दफा कर दिया। इस प्रकरण में थाना हाइवे, पुलिस की स्पेशल टीम की भूमिका बताई जा रही है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, बदमाशों के नंबरों की लोकेशन, काॅल डिटेल तक के सबूत मिटा दिए।
मामला एडीजी अजय आनंद तक पहुंचा तो उन्होंने सक्रियता दिखाते हुए एसएसपी शलभ माथुर, एसपी सिटी, सीओ रिफाइनरी, थाना हाइवे एसएचओ सहित दस लोगों को तलब कर लिया। अब खाकी को पसीने छूट रहे है। विभागीय सूत्र बताते है मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ, डीजीपी इस मामले को लेकर इस कदर नाराज है कि वो किसी भी कीमत पर दोषियों को बख्शने के मूड में नहीं है।
पुलिस कर्मियों की पुलिस ने की पड़ताल
मथुरा। इस प्रकरण में एडीजी अजय आनंद की दिलचस्पी इस कदर है कि उन्होंने अपने स्तर से पुलिस के इस कारनामें की जानकारी जुटा ली है। घटना के दौरान पुलिस अधिकारियों की गतिविधियां, लोकेशन, काॅल डिटेल ने पूरी पोल खोलकर रख दी है।