रवि यादव
मथुरा। बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर राज्य परियोजना निदेशक के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे है। शासन की शिक्षा को लेकर महत्वपूर्ण योजना से खिलवाड़ का खुलासा करते हुए शिक्षकों ने मुख्य विकास अधिकारी से गुहार लगाई है। इस मामले में विकास खंडों के कई शिक्षक संगठनों ने पत्र लिखा है।
ये मामला एकीकृत सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (निष्ठा) से जुड़ा हुआ है। इस योजना में शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, हिंदी व अंग्रेजी विषयों के लिए संदर्भदाताओं का चयन मानकों को ताक पर रखकर किया गया है। इस ट्रेनिंग को देने के लिए की रिसोर्स पर्सन (केआरपी) का चयन बीआरसी, सीटीई सीनियर सेकेंड्री स्कूल के नियमित फकेल्टी में से हुआ है।
जो आदेश है उसके अनुसार इसके लिए आवेदन लेकर लिखित परीक्षा कराई जानी चाहिए थी। लेकिन शिक्षक संगठनों से जुड़े शिक्षकों का आरोप है कि केआरपी चयन की प्रक्रिया पूरी कराए बिना मनमाने तरीके से उनका चयन कर लिया गया है। इसका सीधा असर शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ेगा।
धनराशि के बंदरबाट का खेल
दरअसल इस ट्रेनिंग के लिए सरकार ने अच्छी खासी धनराशि जारी की है। इसमें प्रत्येक शिक्षक पर 2500 रूपया खर्च किया जाना है। जैसा कि सूत्र बता रहे है कि सारा खेल इस धनराशि को हड़पने का है। इसके लिए खंड स्तर पर अपने चहेते शिक्षकों को केआरपी बनाया जा रहा है। ताकि ट्रेनिंग के लिए आई धनराशि का गबन सफाई से कर सकें। इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर का पक्ष लेने का प्रयास किया लेकिन उनका फोन नहीं उठा।