मथुरा। अजीब इत्तेफाक देखिए शनिवार को सीएम योगी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए मथुरा के स्वास्थ्य अधिकारियों को आम जन के स्वास्थ्य का महत्व समझा रहे थे। सरकार की प्राथमिकताओं में ये विषय शुमार है। दूसरी ओर जिला अस्पताल में लापरवाही की हद देखिए यहां परिजन अपने मरीज को स्वंय ही स्ट्रेचर पर लिटाकर जांच करवाने ले जा रहे थे। अचानक संतुलन बिगड़ता है, मरीज गिर जाता है और उसकी मौत हो जाती है। ये घटना बेहद शर्मनांक इस लिए भी है जिला अस्पताल में ऐसे दृश्य आम है।
राधिका विहार निवासी लखनदास (82) पिछले कई वर्ष से जयगुरुदेव आश्रम के समीप अशर्फी ग्रामोद्योग संस्थान द्वारा संचालित आवासीय वृद्धाश्रम में रह रहे थे। शुक्रवार देर रात अचानक दिमागी दौरा के कारण उन्हें तड़के तीन बजे एंबुलेंस के जरिए जिला अस्पताल में लाया गया। यहां डॉक्टरों ने उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर लिया। आश्रम वालों की सूचना पर वृद्ध के भाई रेवाचंद्र और बेटा दीनदयाल भी अस्पताल पहुंच गए।
वृद्ध की गंभीर हालत देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा के लिए रेफर कर दिया। परिवारवालों ने आगरा ले जाने में असमर्थता जताई तो डॉक्टरों ने सुबह वृद्ध का उपचार शुरू किया। डाक्टरों ने वृद्ध आश्रम के बाबूलाल को सीटी स्कैन कराने को कहा। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में वार्ड ब्वॉय न मिलने के कारण आश्रम के कर्मचारी बाबूलाल व बेटा दीनदयाल उन्हें स्वयं स्ट्रेचर पर ले जाने लगे।
वार्ड के बाहर आते समय रैंप पर स्ट्रेचर से अनियंत्रित होने के कारण लखनदास गिर गए। जैसे-तैसे परिवार और साथ आए लोगों ने उन्हें उठाया और सीटी स्कैन कराया। इसके बाद डाक्टरों ने उन्हें वार्ड में भर्ती कर दिया, जहां दोपहर में उनकी मौत हो गई। वृद्ध की मौत को अस्पताल प्रबंधन ब्रेन डेड होना बता रहा है। पूरे मामले पर सीएमएस डा. आरएस मौर्या का बयान भी बेहद गैरजिम्मेदाराना है, उन्होंने कहा कि वृद्ध को अस्पताल में भर्ती किए जाने अथवा स्ट्रेचर से गिरने की जानकारी नहीं है। स्ट्रेचर ले जाने के लिए यदि वार्ड ब्वॉय उपलब्ध नहीं थे तो गंभीर मामला है। इस मामले की जांच कराकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सीएम योगी अधिकारियों को जन स्वास्थ्य का समझा रहे थे महत्व, इधर अस्पताल में स्ट्रेचर से गिरकर वृद्ध की मौत
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