एसआईटी ने प्रदेश के पांच आईपीएस अफसरों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच पूरी कर ली है। एसआईटी अगले हफ्ते अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप सकती है।
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा भी एसआईटी को कुछ दस्तावेज मुहैया कराए गए हैं। शिकायतकर्ता ने पेन ड्राइव में सभी डिजिटल दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। इसमें दो आईपीएस अफसरों की वायस रिकॉर्डिंग भी है। इसमें ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर पैसों के लेन-देन की बात कर रहे हैं।
एक जिले के कप्तान ओवरलोड गाड़ियों को पास कराने का सौदा कर रहे हैं। हालांकि ये सभी दस्तावेज एसएसपी गौतमबुद्ध नगर रहे वैभव कृष्ण ने जांच अधिकारी को पूर्व में ही सौंप दिए थे।
ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर पैसों के लेन-देन मामले की एसआईटी जांच में कई ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जो पांचों आरोपी आईपीएस अफसरों को महंगा पड़ सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इनमें से कुछ अफसरों के निलंबन से लेकर विभागीय जांच तक की सिफारिश की जा सकती है।
जिन आईपीएस की शिकायत की गई थी उनमें गाजियाबाद के एसएसपी रहे सुधीर कुमार सिंह, रामपुर के एसपी रहे अजय पाल शर्मा, बांदा के एसपी रहे गणेश साहा और सुल्तानपुर के एसपी रहे हिमांशु कुमार शामिल थे। इसके अलावा कुशीनगर में एसपी रहे राजीव नारायण मिश्रा पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
5 आईपीएस अफसरों पर कार्यवाही की तलवार, एसआईटी ने पूरी कर ली जांच, ये था पूरा मामला
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