मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय के बीटेक मैकेनिकल में आयोजित तीन दिवसीय ‘‘मैटेरियल्स प्रोसेसिंग एण्ड करेक्टराइजेशन‘‘ (आईसीएमपीसी 2020) अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में डीएमआरएल हैदराबाद के साइंटिस्ट एच एवं विशिष्ट अतिथि टीके नंदी ने कहा कि वैज्ञानिक होने के साथ-साथ भगवान पर विज्ञान से ज्यादा भरोसा करना चाहिए। वह भी किसी भी कार्य को करने से पहले भगवान को याद करते हैं, जिससे कि उनका कार्य सफल हो सके। क्योंकि विज्ञान तो अपना कार्य करता ही है, लेकिन भगवान कृपा से ही हमारी इच्छा शक्ति जाग्रत होती है।
अन्तर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि किसी भी मशीन को इस्तेमाल करने से पहले सुरक्षात्मक उपकरणों का सहारा लेना चाहिए। क्योंकि जीवन से बढ़कर कुछ नहीं है। हम सभी को मेटेरियल के क्षेत्र में प्रयास करते रहना चाहिए, जिससे हम देश की उन्नति एवं विकास की ओर अग्रसर हो सकें। हमें प्रेक्टीकल ज्ञान का अनुसरण करना चाहिए न कि थ्योरी पर ही अपना विश्वास जताना चाहिए। उन्होंने अपने डीएमआरएल में चल रहे प्रोजेक्टों के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
जेएनयू के प्रो. सुनील पाण्डेय ने वैल्डिंग के क्षेत्र में बताया कि किस प्रकार हम छोटे-छोटे बदलाव करके कुछ बड़ा आउटपुट प्राप्त कर सकते हैं। वैल्डिंग के क्षेत्र में उन्होंने छोटे-छोटे बदलाव करके किस प्रकार पेटेंट प्रकाशित किए हैं। आज के समय में छात्र भी छोटे-छोटे प्रयासों के माध्यम से कुछ ऐसा उपयोगी कार्य करें, जो कि हमारे समाज, देश एवं विदेश के लिए लाभकारी सिद्ध हों।
डीएमएसआरडीइ, डीआरडीओ कानुपर के निदेशक डाॅ. एन ईश्वरा प्रसाद ने कहा कि डाॅ. टीके नंदी के साथ उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ पे्रक्टीकल ज्ञान पर अपना ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने अपने बारे में बताते हुए कहा कि किस प्रकार सभी क्षेत्रों में अपनी ओर से सफल प्रयास करके अपने भारत देश के लिए लाभकर प्रयास किए। उन्होंने छात्रों को अपनी उन्नति की कहानी सुनाकर जागरूक किया।
डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने कहा कि यहां तो सभी विद्धान बैठे हैं, लेकिन मैं साहित्य से जुड़ा हुआ सभी के सामने अनभिज्ञ हूं, लेकिन मैं उन सभी लाल सेबों में हरा सेब हूं जो सभी को आकर्षित कर लेता है। उन्होंने साहित्य के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किस प्रकार कुछ ही समय में एक से बढ़कर एक अविष्कार हुए। उन्होंने सभी अविष्कारों को बदलाव में मापते हुए बताया कि किस प्रकार कुछ सेकेंड में ही एक अविष्कार हो जाता है और वह अविष्कार में जीवन बदलाव ला देता है। उन्होंने जीएलए के मैकेनिकल के छात्रों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह भी अपने जीवन में सत्य की ओर अग्रसर होते हुए उन्नति प्राप्त करें।
संबोधन के दौरान जीएलए कुलपति प्रो. आनंद मोहन अग्रवाल, आईआईटी रूड़की के प्रो. डाॅ. विवेक पंचैली, आईआईटी इंदौर के प्रो. आनंद पाण्डेय, ग्रिट इंस्टीट्यूट के प्रधानाचार्य डाॅ. जे प्रवीण, एमएएनआईटी भोपाल के प्रो. जेएल भगोरिया ने भी छात्रों को संबोधित किया।
विभागाध्यक्ष प्रो. पीयूष सिंघल एवं एसोसिएट डीन आरएंडडी प्रो. कमल शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय में अपने छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी ज्ञान देने के लिए ऐसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराता रहता है। समापन समारोह के दौरान ग्रीट इंस्टीट्यूट के प्रो. स्वदेश कुमार सिंह को स्मृति चिन्ह् भेंटकर सम्मानित किया।
871 में से 531 रिसर्च पेपर प्रकाशित
जीएलए के बीटेक मैकेनिकल विभाग में आयोजित तीन दिवसीय मैटेरियल्स प्रोसेसिंग एण्ड करेक्टराइजेशन विषय पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय कांफें्रस में ईरान, ताईवान, चीन, थाईलंैड, साउथ अफ्रीका आदि देशों से करीब 871 रिसर्च पेपर प्राप्त हुए, जिसमें से गुणवत्तापूर्ण 531 रिसर्च पेपर एल्सवेयर के स्कोपस इंडेक्स मेटेरियल्स टुडे में प्रकाशित हुए हैं। गुणवत्तापूर्ण रिसर्च पेपरों की सराहना करते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि आज के समय एक से बढ़कर एक रिसर्च पेपर की आवश्यकता है।