पुलिस को लेकर हर खास और आम की एक ही शिकायत रहती है कि पुलिस हमारी सुनती नहीं है। अगर कोई शिकायत की जाए तो कोई कार्यवाही नहीं होती, या फिर पुलिस दूसरे पक्ष से मिलकर पूरे मामले पर लीपापोती कर देती है। फरियादी भटकते रहते है, पुलिस थाने, चैकियों से उन्हें भगा देती है, या फिर अपराधी के परिजनों को बेवजह थाने में बिठाकर रखा जाता है। सिस्टम की इस निरंकुशता के बीच डायल 112 उम्मीद की किरण है।
जब आप इस नंबर को डायल करते है तो आपका फोन कंट्रोल रूम पर उठता है जहां आपकी पूरी बात रिकाॅर्ड की जाती है। उसके बाद सबंधित सर्किल, थाने, चौकी पर इस शिकायत को भेजा जाता है। शासन ने लक्ष्य तय किया है कि काॅल करने के 10 से 20 मिनट के अंतराल पर पुलिस फोन करने वाले के पास पहुंचनी ही चाहिए।
आपका मामला दर्ज होने के बाद पुलिस समस्या का निस्तारण करती है, उस केस को तभी बंद किया जाता है जब पीड़ित से कंट्रोल रूम फीडबैक ले लेता है, कि उसकी समस्या का निस्तारण किया गया है या नहीं। इस नंबर 112 को कोई भी व्यक्ति बिना कोड के सीधे डायल कर सकते है।
कहीं आग लगी है या दुर्घटना हो गई, इसके लिए भी बेहद कारगर
अच्छी बात यह है कि लोगों की सुविधा के लिए नई प्रणाली के तहत 112 नंबर से डायल नंबर 100 (पुलिस), 101 (दमकल) और 108 (स्वास्थ्य) सेवाओं को एक साथ जोड़ दिया गया है। इससे पहले इमरजेंसी सेवाओं के लिए 20 से अधिक आपात नंबर थे। कई बार कुछ नंबरों के व्यस्त होने के कारण फोन मिल पाना संभव नहीं हो पाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, आप केवल 112 नंबर डायल कर सभी आपात सेवाएं ले सकते है।