नई दिल्ली। दिल्ली में बीते 4 दिन से हुई हिंसा में अब तक 43 लोगों की जान जा चुकी है।
नाम गोपनीय रखने की शर्त पर दो पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हमने मामले की जांच कर रही एसआईटी को जानकारी दी है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में ये बवाल शनिवार रात तब शुरू हुआ जब सीएए के खिलाफ विरोध कर रहे लोगों ने जाफराबाद मेन रोड को ब्लॉक कर दिया। रविवार को कपिल मिश्रा के वहां पहुंचने से मामला बढ़ गया जब उन्होंने दिल्ली पुलिस को सड़कें खाली कराने का अल्टीमेटम दे डाला और कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारतीय दौरा खत्म होने तक हम शांत हैं। उसके बाद या तो आप सड़कें खाली करवा लीजिए या हम करवा लेंगे। पुलिस के अनुसार पहला पत्थर भीम आर्मी के सदस्यों की ओर से रविवार शाम 4.42 बजे फेंका गया था। इसके बाद 100-125 भीम आर्मी सदस्यों समेत सीएए विरोधियों को सीएए समर्थकों ने दौड़ाया।
पुलिस ने भीम आर्मी के दिल्ली प्रमुख हिमांशू वालमिकी की पहचान की है और दावा है कि उसने रविवार शाम 6 बजे तक और अधिक भीड़ को जुटाया था। इसी सब के चलते मौजपुर और कर्दमपुरी में पत्थरबाजी के कई मामले सामने आ गए। भीम आर्मी ने शनिवार को जाफराबाद में सीएए के खिलाफ भारी भीड़ जुटा ली जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं।
उधर भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन सिंह ने सभी आरोपो को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि सीएए के विरोध में दिल्ली में अलग अलग जगह हमारे प्रदर्शन शांतिपूर्ण व सफल रहे। हमारे लोग किसी तरह की हिंसा में शामिल नहीं हुए थे। बल्कि हमें तो संदेश मिला था कि हमारे दिल्ली अध्यक्ष हिमांशू वाल्मिकी की गाड़ी जला दी गई है।
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