बुलंदशहर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हादसे का शिकार हुई स्कॉलर छात्रा सुदीक्षा भाटी एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थीं। सुदीक्षा के पिता चाय की दुकान से आजीविका चलाते हैं। मेहनत के बल पर कामयाबी की उड़ान भरकर सुदीक्षा ने बहुत सी आंखों में सपना संजो दिया था। लेकिन राह चलते शोहदों की हरकतों की वजह से इस होनहार छात्रा की उड़ान पर हमेशा के लिए ब्रेक लग गया। गौतमबुद्धनगर के दादरी की निवासी सुदीक्षा ने बुलंदशहर से स्कूली पढ़ाई पूरी की। 12वीं में सीबीएसई से 98 फीसदी मार्क्स लाकर अपने जिले में टॉप करनेवाली सुदीक्षा का यह सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली सुदीक्षा के पिता चाय बेचकर परिवार का गुजारा करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति और सामाजिक रूढ़ियों को तोड़कर सुदीक्षा ने न सिर्फ अपनी पढ़ाई जारी रखी बल्कि अब अमेरिका में पढ़ने का अपना सपना भी पूरा कर रही थीं।
अमेरिका जाने के अपने सपने को लेकर सुदीक्षा का परिवार भी बहुत खुश था। आर्थिक तंगी झेल रहे परिवार को लगा कि भगवान ने उनकी प्रार्थना सुन ली है। हालांकि परिजन को दूसरे देश जाकर पढ़ाई करने को लेकर थोड़ी शंका जरूर थी। लेकिन सुदीक्षा इस बारे में बिल्कुल विश्वास से लबरेज थीं। उन्हें यकीन था कि अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करने का मौका मिलेगा। कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद इस सपने को पूरा कर पाना आसान नहीं था। कोरोना संक्रमण काल में अपने घर लौटीं सुदीक्षा को 20 अगस्त को वापस अमेरिका लौटना था। लौटने से पहले वह अपने मामा के पास जा रही थीं। वह चाचा के साथ बाइक पर बैठी थीं। रास्ते में ही बुलेट सवार कुछ शोहदों ने छेड़खानी शुरू कर दी। फ्लर्ट के दौरान आरोपी युवक बार-बार बाइक को ओवरटेक कर रहे थे। उसी दौरान मनचलों से बचने के चक्कर में गाड़ी गिर गई और सुदीक्षा की मौत हो गई। सुदीक्षा भाटी ने 2018 में इंटरमीडिएट में बुलंदशहर जनपद को टॉप किया था। HCL की तरफ से 3 करोड़ 80 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दिए जाने के बाद सुदीक्षा भाटी अमेरिका में उच्च शिक्षा ग्रहण करने चली गई थी। सुदीक्षा अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज में भारत सरकार के खर्च पर पढ़ रही थी।