Sunday, November 24, 2024
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जीएलए पाॅलीटेक्निक के छात्रों ने जानी नैनोतकनीकी और नैनोसाइंस, जीएलए पाॅलीटेक्निक मैकेनिकल के छात्रों के लिए पदार्थ विज्ञान विषय पर आयोजित हुआ अतिथि व्याख्यान

मथुरा। राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान हिमाचल प्रदेश के प्रोफेसर मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि पदार्थ विज्ञान एक बहुविषयक क्षेत्र है, जिसमें पदार्थ के विभिन्न गुणों का अध्ययन, विज्ञान एवं तकनीकी के विभिन्न क्षेत्रों में इसके प्रयोग का अध्ययन किया जाता है। इसमें प्रायोगिक भौतिक विज्ञान और रसायन शास्त्र के साथ-साथ रासायनिक, वैद्युत यांत्रिक और धातुकर्म अभियांत्रिकी विषयों का सहयोग करता है।
प्रोफेसर मनोज कुमार सिन्हा जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के पाॅलीटेक्निक संस्थान में आयोजित आॅनलाइन अतिथि व्याख्यान में छात्रों को विज्ञान तकनीकी के प्रयोगों के बारे में जानकारी दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने छात्रों को बताया कि नैनोतकनीकी व नैनोसाइंस में उपयोगिता होने के कारण वर्तमान समय में विभिन्न विश्वविद्यालयों, प्रयोगशालाओं और संस्थानों में इसे काफी महत्व मिला है। वर्तमान युग में पदार्थ विज्ञान के तीव्र विकास के पीछे अंतरिक्ष स्पर्धा का विशेष योगदान है। अंतरिक्ष यात्राओं को सफल बनाने में विभिन्न मिश्र धातुओं और दूसरे पदार्थाें की खोज ने प्रमुख भूमिका निभाई है।
पाॅलीटेक्निक संस्थान के प्राचार्य प्रो. दिवाकर भारद्वाज एवं प्रो. विकास कुमार षर्मा ने प्रो. सिन्हा का आभार व्यक्त करते हुए छात्रों को बताया कि प्रो. मनोज हिमाचल प्रदेष के हमीरपुर स्थित राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान में यांत्रिक-अभियन्त्रण विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर है। उन्होंने समस्त छात्र-छात्राओं के लिए आगामी समय में भी इसी प्रकार के उपयोगी व ज्ञानवर्धक व्याख्यानों का आयोजन कराते रहने का वादा किया।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौर में जीएलए ने समय की मांग को देखते हुए डिजिटल रूपान्तरण को आसानी से अपनाया और उन्नत तकनीकों का प्रयोग करके प्रभावी आॅनलाइन लर्निंग का माहौल स्थापित किया।
इसी दौरान फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जैव प्रौद्योगिकी विभाग में वैज्ञानिक तमन्ना अरोरा ने शिरकत की। उन्होंने बताया कि भारत में जैव प्रौद्योगिकी विभाग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र का शीर्ष प्राधिकरण है। यह राष्ट्रीय अनुसंधान विभिन्न क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी से संबंधित सहायता प्रदान करने वाली नोडल एजेंसी है। मिस अरोरा द्वारा भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रदान किये जाने वाले रिसर्च प्रोजेक्ट के संबंध में बताया। इस कार्यक्रम में विष्वविद्यालय के विभिन्न संकायों एमबीए, बायोटेक्नोलाॅजी, डिप्लोमा, बीटेक के शिक्षकों ने भाग लिया।

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