लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र में शुक्रवार को योगी सरकार 17 विधेयक पेश करेगी. उधर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने के मूड में है. वह कानून व्यवस्था, किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरेगा. गुरुवार को सदन शुरू होने से पहले विधानसभा के सामने समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कानून व्यवस्था, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन किया था.
शनिवार को भी कमोबेश ऐसी ही स्थिति रहने की संभावना है. बता दें सत्र में 17 विधेयकों को मंजूर किए जाने की तैयारी है. सरकार ने कोरोना काल में जो अध्यादेश लागू किए हैं. जैसे- विधायक निधि स्थगित करने, मंत्री और विधायकों के वेतन में कटौती, कोरोना संक्रमण का इलाज करने वालों पर हमले की घटनाओं को रोकने जैसे कई निर्णयों से जुड़े विधेयक शामिल हैं. इसमें सबसे अहम उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश और उत्तर प्रदेश गोवध निवारण संशोधन अध्यादेश भी हैं.
ये विधेयक होने हैं पेश
उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश कारखाना विवाद (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास (संशोधन) विधेयक 2020, कारागार अधिनियम 1894 में (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर संशोधन विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन भत्ता, और प्रकीर्ण उपबंध (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थाई छूट (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) विधेयक 2020, उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2020, कारागार उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2020.
संवैधानिक बाध्यता के तहत अध्यादेशों को विधानमंडल की मंजूरी मिलना आवश्यक है. विधेयक पास होने के बाद इन पर राज्यपाल की मंजूरी ली जाएगी. इसके बाद इन्हें अंतिम रूप से लागू माना जाएगा.