संस्कृति इंजीनियरिंग स्कूल की कार्यशाला में ऐंटी मिसाइल एंड सर्वेलांस रोबोट का निरीक्षण करते हुए विवि के कुलाधिपति सचिन गुप्ता। साथ में हैं विवि के कुलपति डा.राणा सिंह।
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के छात्रों का नवोन्मेष का अभियान जारी है। लंबे समय से जिन प्रोजेक्ट को लेकर विवि के छात्र प्रयासरत रहे वे अब अपने अंतिम चरण में पहुंच रहे हैं। लगातार जनउपयोगी उपकरण बनाकर विद्यार्थियों ने अपने कौशल और शिक्षा का प्रदर्शन किया है। इसी क्रम में संस्कृति स्कूल आफ इंजीनियरिंग के छात्रों ने एक ऐसा रोबोट बनाया है जो ऐंटी मिसाइल एंड सर्वेलांस का काम करेगा। यह सेना के लिए बड़े काम का है।
संस्कृति इंजीनियरिंग स्कूल के विभागाध्यक्ष विंसेंट बालू ने जानकारी देते हुए बताया है कि इंजीनियरिंग विभाग की संकाय सदस्य शिखा पाराशर की देखरेख में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र राजकुमार, चेतराम, हरीओम, दीपक, पुष्पेंद्र बाबू, रघुबीर सिंह यादव, नरेश, अशोक, लोकेंद्र राघव, सागर शर्मा ने कठिन परिश्रम और लगन से उन्नत तकनीकियों का प्रयोग करते हुए ऐंटी मिसाइल एंड सर्विलांस रोबोट विकसित किया है। यह रोबोट संस्कृति विवि के मैकेनिकल विभाग की कार्यशाला में ही छात्रों ने विकसित किया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालातों में सेना अनेक खतरों से जूझ रही है। आक्रमण का खतरा हर समय बना रहता है। अपनी सेना को नुकसान से बचाने के लिए ही विद्यार्थियों ने इस आटोनामस ऐंटी मिसाइल एंड सर्वेलांस रोबोट को बनाने का विचार किया। ये रोबोट सीमा सुरक्षा और रक्षा के उद्देश्यों के लिए उपयोगी है। रोबोट की प्रोग्रामिंग इस तरह से की गई है कि वह किसी भी लक्ष्य का पता लगाकर स्वचालित तरीके से उसे शूट कर सके। इसके विकास में जीएसएम, जीपीएस प्रणाली, कैमरा और लाइव ट्रैकिंग की सुविधाओं को शामिल किया गया है। इसके अलावा निगरानी करने के लिए कई अन्य सेंसर सिस्टम लगाए गए हैं। यह रोबोट स्वंयं लक्ष्य को खोजकर उसे नष्ट करने की क्षणता रखता है। इसके द्वारा बेहतर तरीके से निगरानी का काम भी किया जाता है।
विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए रोबोट का निरीक्षण कर संस्कृति विवि के चेयरमैन सचिन गुप्ता ने विद्यार्थियों का यह प्रयास देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगा। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे अपने लक्ष्य में निरंतर कामयाब हों, ऐसा ही प्रयास होना चाहिए।