उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर के उहा फोह की स्थिति बनी हुई है ग्राम प्रधानों का कार्यकाल इस साल 25 दिसंबर को खत्म होने को है और उससे पहले ग्राम पंचायतों के चुनाव हो जाने चाहिए इसके लिए जरूरी है कि नवंबर में चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाए और उससे पहले शहरी क्षेत्र में शामिल हो सके पंचायतों के बाद बाकी बचे क्षेत्र का परिसीमन वोटर लिस्ट का प्रशिक्षण आदि भी पूरा होना है चुनाव आयोग के अनुसार इसके लिए कम से कम 2 से 3 महीने का वक्त चाहिए होता है इसको लेकर के बुधवार 19 अगस्त को अपर निर्वाचन आयुक्त व वेदप्रकाश वर्मा द्वारा सभी जिलाधिकारियों को एक पत्र जारी किया गया था जिसमें पुनरीक्षण के लिए मांग की गई थी लेकिन देर शाम तक यह पत्र वापस ले लिया गया और कोरोना संकटकाल को देखते हुए पंचायत चुनाव 6 महीने के लिए उन्हें टाल दी जाए ऐसा विचार आया और यह भी कहा जाने लगा है कि दिसंबर के बाद मौजूदा प्रधान को ही प्रशासक बना दिया जाए यह सुझाव दिया गया है,, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा इस बात को लेकर के अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि फिलहाल पंचायत चुनाव की घोषणा दूर के सपने हैं जिन लोगों को पंचायत चुनाव में अपना भाग्य आजमाना है उन्हें अभी वक्त का इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि कोरोनावायरस ने उनकी राजनीतिक अभिलाषा पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है।
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