हिंदू धर्म शास्त्रों में प्रत्येक संतान को अपने पूर्वजों के प्रति श्राद्ध करना कर्तव्य बताया है। सभी अपने पूर्वजों का श्राद्ध अवश्य करें। इसका धार्मिक गुण कारण है। यह पूर्वजों के मोक्ष की प्राप्ति के लिए किया जाता है। महालय श्राद्ध पूरे 16 दिनों के हैं। यह 2 सितंबर से 17 सितंबर तक चलेंगे। पंडितों के अनुसार 1 सितंबर को व्रत की पूर्णिमा, 2 सितंबर को स्नान, दान, श्राद्ध की पूर्णिमा के साथ ही प्रतिपदा की शुरुआत होगी। नवमी को महिलाओं, माताओं और बहनों के लिए और 17 को सभी लोग पूर्वजों को पितरों को तर्पण कर सकते हैं। इससे 7 पीढ़ियों के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
घर पर ही करें तर्पण
तिल और कुशा से जलांजलि, तिलांजलि आदि कार्य करें। सौभाग्यवती नवमी, सन्यासी द्वादशी, अकाल मृत्यु चतुर्दशी के दिन तर्पण करें। सामान्य दिनों में नदी और सरोवर में कमर तक के पानी में खड़े होकर सूर्य को तर्पण करते हैं। लेकिन, इस बार कोरोना संक्रमण के कारण यह संभव नहीं है, इसलिए घर पर ही बड़े भगोने में जल भरकर उसे सरोवर मानें और सूर्य को तर्पण करें।
कोरोना संक्रमण काल में सादगी से घरों पर ही तर्पण कर सकते हैं। दोपहर 12 बजे जब सूर्य पृथ्वी के ऊपर हो ऐसे समय ब्राह्मणों को पकवान व दक्षिणा से तृप्त करें। साथ ही पांच पत्तलों में सभी प्रकार के भोजन रखें। पहला पत्तल पितर देवता की फोटो के समक्ष, दूसरा ब्राह्मणों, तीसरा गाय, चौथा काग और पांचवां तितलियों, मछलियां चीटियों के लिए रखें।
श्राद्ध पक्ष तिथि
02 सिंतबर (बुधवार) पूर्णिमा का श्राद्ध प्रातः 10:52 तक !तदुपरांत प्रतिपदा का श्राद्ध !
03 सिंतबर (वीरवार)एकम का श्राद्ध दोपहर 12:27 तक तदुपरांत द्वितीया का श्राद्ध !
04 सिंतबर (शुक्रवार)द्वितीया का श्राद्ध दोपहर 02:24 तक!
05 सिंतबर(शानिवार)तृतीया का श्राद्ध पूरा दिन!
06 सिंतबर (रविवार)चतुर्थी का श्राद्ध पूरा दिन!
07 सिंतबर(सोमवार)पंचमी का श्राद्ध पूरा दिन!
08सिंतबर(मंगलवार) षष्ठी का श्राद्ध पूरा दिन!
09सिंतबर(बुधवार)सप्तमी का श्राद्ध पूरा दिन!
10सिंतबर(वीरवार)अष्टमी का श्राद्ध पूरा दिन!
11सिंतबर(शुक्रवार)नवमी का श्राद्ध पूरा दिन!
12 सिंतबर(शानिवार)दशमी का श्राद्ध पूरा दिन!
13 सिंतबर(रविवार)एकादशी का श्राद्ध पूरा दिन!
14 सिंतबर(सोमवार) द्वादशी का श्राद्ध पूरा दिन!
15 सिंतबर(मंगलवार)त्रयोदशी का श्राद्ध पूरा दिन!
16 सिंतबर(बुधवार) चतुर्दशी का श्राद्ध पूरा दिन!
17 सिंतबर(वीरवार)अमावस सर्वपितृ श्राद्ध पूरा दिन!