- प्रत्येक थाने में होने वाले अपराधों का जिला स्तर पर होगा विश्लेषण
- अपराधों के मूल कारणों का पता लगाएगी पुलिस
लखनऊ। अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए पुलिस अपनी रणनीति में बदलाव करने जा रही है। अब जिस थाना क्षेत्र में जैसा अपराध होगा, वहां नियंत्रण के लिए वैसी ही रणनीति बनाई जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर अपराध समीक्षा किया जाएंगी। इसे लेकर आपात सेवा 112 ने प्रत्येक जिले से 2 पुलिसकर्मियों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण भी दिया है।
थाना क्षेत्र स्तर पर होगा अपराध विश्लेषण
विभाग के अनुसार इस कवायद से इस बात की सटीक जानकारी मिल सकेगी कि किस जिले के किस थाना क्षेत्र में किस तरह के अपराध होते हैं। इन अपराधों के मूल में क्या कारण है? इसके आधार पर संबंधित क्षेत्र की क्राइम मैपिंग कराई जाएगी जो अपराधों की रोकथाम में सहायक होगी।
पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ
प्रदेश पुलिस की आपात सेवा 112 ने आंकड़ों के विश्लेषण के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया था, जो पांच सितंबर तक जारी रहा। अपर पुलिस अधीक्षक दिगंबर कुशवाहा व शशि शेखर सिंह ने प्रशिक्षण दिया, जिसमें 112 की सहयोगी संस्था के कर्मचारियों ने तकनीकी सहयोग किया। इस दौरान रिपोर्ट तैयार करने, घटनाओं का विश्लेषण करने, व्हीकल ट्रैकिंग, इवेंट क्लोजर सिस्टम, पेट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम तथा त्योहारों और अवसरों पर विशेष रिपोर्ट तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें प्रदेश के सभी जिलों के दो-दो कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया।
क्राइम मैपिंग से घटनाओं की पुनरावृत्ति रुकेगी
यूपी 112 के एडीजी असीम अरुण ने बताया कि 112 के पास पिछले चार साल के अपराधिक आंकड़े मौजूद हैं। चार सालों के दौरान 112 ने एक विधानसभा, एक निकाय और एक लोकसभा चुनाव संपन्न कराया। इसके साथ ही सभी त्योहारों के दौरान होने वाली विभिन्न गतिविधियों के आंकड़े भी 112 के पास मौजूद हैं। चुनावों और त्योहारों में हुई घटनाओं के आंकड़ों के आधार पर जहां जिस तरह की घटनाएं हुई हैं, वहां उसी तरह की क्राइम मैपिंग पर घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपाए किए जाएंगे।
जिला स्तर पर पुलिसकर्मियों को किया जा सकता दक्ष
उन्होंने बताया कि डाटा विश्लेषण से निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि की जा सकती है। इसके लिए जिला स्तर के पुलिसकर्मियों को दक्ष बनाया जा रहा है। इससे 112 के डाटा और साफ्टवेयर का पूरा लाभ भी लिया जा सकेगा।