जीएलए के विधि संस्थान में ‘‘लाॅ, सोसायटी एवं लाइफ‘‘ विषय पर आयोजित हुई वेबिनार
मथुरा। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने कहा कि नागरिकों को कानून की किताबों के अलावा समाजिक एवं नैतिक मूल्यों से भी कानून की शिक्षा मिलती है।
डाॅ. ग्रोवर जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के इंस्टीट्यूट ऑफ़ लीगल स्टडीज एवं रिसर्च (विधि संस्थान) में आयोजित ‘‘लाॅ सोसायटी एवं लाइफ‘‘ विषय पर आयोजित वेबिनार में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि कई बार कानून के प्रावधानों एवं सामाजिक मान्यताओं में अन्तर पाया जा सकता है, परंतु पुलिस सदा ही न्याय एवं कानून के शासन जो संवैधानिक मूल्यों पर आधारित है, उनको प्राथमिकता देती है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं होता है और जो भी कानून को हाथ में लेता है, उसे विधि सम्मत दण्ड भुगतना पड़ता है।
जीएलए के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर एवं मोटिवेशनल स्पीकर/लाइफ कोच नीरज अग्रवाल ने विभिन्न प्रेरणास्त्रोत कहानियों के माध्यम से छात्रों को जीवन का आधार समझाते हुए कहा कि जीवन में मार्क्स (अंक) से ज्यादा जीवन मूल्य अधिक निर्णायक होते हैं। जब हम लोगों को लोगों से जोड़ेंगे तभी सकारात्मक रूप से समाज, देश एवं विश्व जुड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव एवं प्रख्यात एडवोकेट/मोटिवेशनल स्पीकर अशोक अरोरा ने कहा कि कानून मनुष्य के सामाजिक, आचरण का नियम है, जो राज्य द्वारा स्वीकृत किया जाता है, जिनका पालन अनिवार्य होता है एवं पालन न होने पर न्यायपालिका दण्ड देती है। ठीक उसी प्रकार मनुष्य का व्यक्तिगत जीवन प्राकृतिक नियमों से संचालित होता है एवं इसकी अवहेलना करने पर जीवन में असफलता एवं मानसिक कष्ट मिलता है। उन्होंने कवीर वाणी को याद करते हुए कहा कि ‘सदा मीठा व सरल बोलना चाहिए, जो दूसरे एवं स्वयं को ख़ुशी देता है।‘‘
अंत में विधि विभाग के डीन प्रोफेसर अविनाश दाधीच ने कहा कि कानून समाज को नियंत्रित करने के लिए मनुष्य द्वारा बनाये गये हैं। अगर प्रत्येक व्यक्ति अपने धर्म के अनुशाषन में रहकर कार्य करे, तो कानून व्यक्ति के जीवन, संपत्ति एवं सम्मान की रक्षा करता है।
प्रोफेसर दाधीच ने सभी वक्ताओं के विचारों को सराहते हुए कहा कि इस तरह के व्याख्यानों से विधि संस्थान के छात्रों को कानून की किताबों से बाहर जाकर जीवन मूल्यों को समझने में सहायता मिलती है।
इस कार्यक्रम का संचालन विभाग की छात्रा राधिका अग्रवाल एवं शिवम् यादव ने किया।