आगरा। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते स्मारकों की बंदी के ठीक 187 दिन बाद 21 सितंबर से ताजमहल और आगरा किला को पर्यटकों के दीदार के लिए खोल दिया जाएगा। पर्यटक कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दो शिफ्टों में ताजमहल और किला को निहार सकेंगे। यह निर्णय कोविड की समीक्षा बैठक के बाद जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने लिया।
ज्ञात हो कि आगरा में तीन मार्च को खंदारी निवासी जूता कारोबारी के यहां पांच लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इस परिवार का इटली से लौटकर आने का संबंध था। उसके बाद जब 17 मार्च को ताजमहल सहित अन्य स्मारक बंद किए गए थे, तब ताजनगरी में सात संक्रमित केस थे। उसके बाद से सभी स्मारक बंद थे। छह जुलाई को केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने देश के सभी स्मारकों को खोलने के निर्देश दिए थे, लेकिन आगरा के डीएम ने रेड जोन का उल्लेख करते हुए एक भी स्मारक खोलने के आदेश नहीं दिए।
जिलाधिकारी ने कोविड की समीक्षा करने के बाद एक सितंबर से ताजमहल और आगरा किला को छोड़कर अन्य स्मारकों को खोलने के आदेश दे दिए थे। इन स्मारकों में सैलानी तो आ रहे थे, लेकिन सभी ताजमहल का ही दीदार करना चाहते थे। इसलिए जिन स्थलों से ताजमहल दिखता था वहां सैलानियों की संख्या अन्य स्मारकों से ज्यादा रही। अब ताजमहल और किला 21 सिंतबर से खुल जाएगा तो पर्यटन उद्यमियों को भी राहत की उम्मीद बंधती नजर आ रही है।
दो शिफ्टों में 2500-2500 सैलानियों को प्रवेश
स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय की गाइड लाइन के बाद पुरातत्व विभाग द्वारा स्मारकों में पर्यटकों की क्षमता निर्धारित कर दी गई है। ताजमहल में दो शिफ्ट में पर्यटक जाएंगे। दोनों शिफ्टों में 2500-2500 सैलानी जा सकेंगे। आगरा किला में पहली शिफ्ट में 1200 और दूसरी शिफ्ट में 1300 पर्यटक जाएंगे। फतेहपुरसीकरी, अकबर टूम, बेबी ताज, मरियम टूम, राम बाग, मेहताब बाग और अन्य टिकट वाले स्मारकों में यह संख्या 1000-1000 तय की गई है। यहां भी दो शिफ्ट होंगी।
आगरा के डीएम प्रभु एन सिंह ने बताया कि ताजमहल और आगरा किला 21 सितंबर से दो शिफ्टों में निर्धारित संख्या के साथ खोला जाएगा। पर्यटकों को कोविड की गाइड लाइन का पालन कराया जाएगा। इस संबंध में एएसआई और सीआईएसएफ के अधिकारियों को बता दिया गया है। यदि किसी सैलानी में लक्षण मिलेंगे तो तत्काल उसकी जांच कराई जाएगी।
स्मारकों में प्रवेश के लिए ये रहेंगे नियम
स्मारकों में प्रवेश केवल ई-टिकट से मिलेगा।
पार्किंग समेत सभी भुगतान डिजिटल किए जाएंगे।
पर्यटकों को शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना होगा।
सैलानियों को मास्क लगाना अनिवार्य, इसके बिना प्रवेश नहीं।
प्रवेश करने से पहले पर्यटकों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी।
प्रवेश उन्हीं लोगों को मिलेगा, जिनमें कोई लक्षण नहीं होंगे।
स्मारकों में प्रवेश, निकास और परिसर में भ्रमण को वनवे रूट बनेगा।
स्मारक में ग्रुप फोटोग्राफी की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वैध लाइसेंस धारक गाइड और फोटोग्राफर को ही स्मारक में प्रवेश मिलेगा।
कोई सैलानी स्मारक में खाने का सामान नहीं ले जा सकेगा।