नई दिल्ली। भारत- चीन सीमा पर तनाव के बीच आज भारतीय वायुसेना को नई ताकत मिलने वाली है। फ्रांस से खरीदे गए अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल आखिरकार आज औपचारिक रूप से वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल होंगे।
अंबाला एयरबेस पर आज सुबह दस बजे से आयोजित भव्य कार्यक्रम में एयरफोर्स को 5 राफेल सौंप दिए जाएंगे। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांस की रक्षामंत्री फ्लॉरेंस पार्ली भी समारोह में मौजूद हैं। हरियाणा के अंबाला स्थित वायु सेना स्टेशन में एक शानदार समारोह में यह विमान वायु सेना के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा बनेगा। अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही भारतीय वायु सेना के लिए इस दिन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदलने की ताकत रखने वाला राफेल इसी दिन उसके लड़ाकू विमानों के बेड़े की शान बनेगा।
सूत्रों के अनुसार भारत द्वारा फ्रांस से 36 और लड़ाकू विमानों की संभावित खरीद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली के दौरान शुरुआती चर्चा हो सकती है। रूस से सुखोई विमानों की खरीद के बाद अपनी सटीक मारक क्षमता और वायु श्रेष्ठता के लिये चर्चित राफेल विमानों की करीब 23 साल बाद खरीद हुई है। राफेल विमान अत्याधुनिक हथियारों और उन्नत प्रणाली से लैस हैं।
सभी 36 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाने की उम्मीद है। चार राफेल लड़ाकू विमानों के एक अन्य जत्थे के नवंबर तक भारत पहुंच जाने की उम्मीद है।
फ्रांसीसी विमानन कंपनी दसाल्ट एविएशन द्वारा बनाए गए इन विमानों को अभी औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल नहीं किया गया है। अब तक भारत को 10 राफेल विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है जिनमें से पांच अभी फ्रांस में ही हैं जिन पर भारतीय वायुसेना के पायलट प्रशिक्षण ले रहे हैं।
भारत और फ्रांस के बीच 36 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिये 59,000 करोड़ रुपये की लागत से हुए अंतर सरकारी समझौते के करीब चार साल बाद 29 जुलाई को पांच राफेल लड़ाकू विमानों का पहला जत्था भारत पहुंचा था।