अरुण यादव की रिपोर्ट
वृंदावन। जहां देशभर में एक माह पहले कान्हा का जन्मोत्सव भक्तों ने धूमधाम से मनाया था। लेकिन, गुरुवार को मंदिरों की नगरी वृंदावन के दक्षिण भारतीय रंगजी मंदिर में उल्लास के साथ मनाया गया।
श्री रंगमन्दिर में गुरुवार को कन्हैया का प्राकट्योत्सव मनाया गया। रंगनाथ भगवान ने मुरली, लकुटिया धारण किए। मन्दिर पंचांग के अनुसार जब तिथि और नक्षत्र का संयोग होता है। तभी उत्सव और पर्व को पूर्ण मान्यता मिलती है। इसी मान्यता का अनुसरण करते हुए श्री रंगमन्दिर में ब्रजमंडल से इतर एक माह उपरांत कृष्ण जन्मोत्सव का आयोजन किया गया।
भगवान गोदारंगन्नार के चलविग्रह को मंदिर के मुख्य जगमोहन में विराजमान कर गौ दुग्ध,दधि,मधु,शर्करा,घृत,इत्र आदि से पंचामृत महाभिषेक किया। इसके पश्चात चन्दन लेपन कर वैदिक ऋचाओं के साथ सहस्त्राभिषेक किया गया। अभिषेक के उपरांत नवीन वस्त्राभूषण धारण करा कर मुरली और लकुटिया से सुशोभित किया गया। श्रंगार कर ठाकुर जी को सोने चांदी से निर्मित पालने में विराजित किया गया।
कोरोनकाल के कारण विगत करीब 6 माह से मन्दिर के मुख्यद्वार आम भक्तों के लिये बन्द होने से केवल मन्दिर परिसर की चहारदीवारी के अंदर निवासरत भक्तों को ही प्रवेश की अनुमति दी गयी थी। उन्ही भक्तों ने ठाकुरजी को पालने में झुलाकर अपने आप को कृतार्थ किया।