अयोध्या। महाराष्ट्र सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज अयोध्या के संतों में शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के प्रति आक्रोश है। अयोध्या के साधु-संतों ने और विश्व हिंदू परिषद ने घोषणा की है कि वह उद्धव ठाकरे को अयोध्या में प्रवेश नहीं करने देंगे। उनका विरोध बीते दिनों महाराष्ट्र में हुई संतों की हत्या और उसके बाद अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की हत्या में बदले की भावना से काम कर रहे महाराष्ट्र सरकार से अयोध्या के संत नाराज हैं।
हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने अभिनेत्री कंगना रानौत के कार्यालय को बीएमसी के द्वारा ध्वस्त किए जाने को लेकर बोले कि उद्धव ठाकरे और उनकी शिवसेना का अयोध्या में कोई भी संत और हिंदू जनमानस स्वागत नहीं करेगा। उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा। महंत राजू दास ने कहा कि शिवसेना अब सोनिया की सेना हो गई है जो भी व्यक्ति सरकार के खिलाफ आवाज उठाता है उसके खिलाफ आरोप लगाकर के कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का प्रयास हिंदू जनमानस को नीचा दिखाने का है। बीते दिनों पालघर में हुई संतों की हत्या पर अभी तक कुछ भी नहीं हुआ। लेकिन अगर किसी ने आवाज उठाई तो उसके खिलाफ कार्रवाई की गई।
महंत राजू दास ने कहा कि अयोध्या से हम आवाहन करते हैं कि साधु संत और हिंदू जनमानस एकत्रित होकर के अगर शिवसेना प्रमुख अयोध्या आते हैं तो उनको अयोध्या नहीं आने देंगे। साधु संत एकमत एक साथ होकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का पुरजोर विरोध करेंगे।
विहिप ने महाराष्ट्र सरकार की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा कि जहां संत समाज रहेगा, वहीं हम भी रहेंगे। विश्व हिंदू परिषद भी संतों के साथ खड़ा नजर आ रहा है और उन्होंने भी महाराष्ट्र सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह उठाते हुए उनके द्वारा की गई कार्यवाही को गलत करार दिया है।
उन्होंने ने कहा कि संत समाज शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का विरोध कर रहा है और उनके विरोध का हम भी समर्थन करते हैं। उनको अयोध्या में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। हम संत समाज के साथ खड़े हैं।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि रोहिंगा और बांग्लादेशी महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में है उनके ऊपर कार्रवाई नहीं कर रही है। जबकि वह देश में अस्थिरता पैदा कर रहे हैं उनके ऊपर कार्रवाई करने का दम महाराष्ट्र सरकार में नहीं है।