मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा का 23वां शैक्षणिक सत्र ऑनलाइन ‘‘ओरिएंटेशन’’ कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ। कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने नवागन्तुक छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों को जीएलए में प्रवेश पर बधाई देते हुए कहा कि आज से छात्रों को जीएलए में अपनी जिंदगी को संवारने के लिए कीमती समय बिताना है।
उन्होंने कहा कि इसके बाद बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियों को समझते हुए उस राह की ओर अग्रसर होना है। प्रत्येक माता-पिता का यही सपना होता है कि उसका बच्चा पढ़े और पढ़कर आगे बढ़े और जीएलए भी यही चाहता है कि उसके यहां पढ़ने वाला प्रत्येक छात्र रोजगारपरक और उद्यमी बने, जिससे विश्वविद्यालय का नाम रोशन हो। शिक्षा के क्षेत्र में जीएलए की जो पहचान है वह छात्र-छात्राओं के उत्कृष्ट प्रदर्षन के कारण है। जीएलए का एक ही ध्येय है कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास एवं सर्वश्रेष्ठ रोजगार।
प्रतिकुलपति प्रो. आनंद मोहन अग्रवाल ने छात्रों को समझाया कि कभी यह न सोचें कि जो शिक्षक आज पढ़ा रहा है वह हमारे काम की बात नहीं है। जो मेहनत हम कर रहे हैं क्या हमें इससे कोई लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रगतिशील बनने की राह पर चलें हो सकता है जो आप सोच रहे हैं और जो मेहनत कर रहे हैं वह कभी भी आपके काम आये और उसे आप हाथ से निकाल दें। उन्होंने कहा कि ओरिएंटेशन के साथ ही आपकी जिंदगी का एक नया चेप्टर शुरू हो रहा है। अब तक आपका चेप्टर माता-पिता के साथ था। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में इनोवेशन सेंटर हैं। यहां से छात्र उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नवप्रवेशित छात्रों की क्लास ऑनलाइन शुरू हो जायेंगी। सभी छात्रों का शिक्षण से संबंधित समाधान हेतु ऑनलाइन प्लेटफार्म को बेहतर बनाया गया है। इस बेहतर ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से छात्र किसी भी शिक्षक/विश्वविद्यालय के पदाधिकारी से जुड़ सकेंगे और अपनी समस्या सामने ला सकेंगे।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव अशोक कुमार सिंह ने विद्यार्थियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जीवन में सफल होने के लिए तीन बातें बहुत जरूरी हैै। पहली यह कि अपनी रूचियों और क्षमताओं के अनुसार अपनी लक्ष्य एवं उद्देश्य स्वयं तय करें, जो आप लोग लगभग तय कर चुके हैं। स्वामी विवेकानन्द जी ने भी कहा है कि अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित करो और दूसरे विचार को अपने दिमाग से निकाल दो यही सफलता की कुन्जी है। इसलिए सभी छात्रों को अपना एक ध्येय चुनना चाहिये। उसे पाने के लिए बिना रूके तब तक प्रयास करते रहना चाहिये जब तक उसे पा न लें। कछुआ और खरगोश की कहानी आप सभी लोग सुने होंगे। यह कहानी यही सीख देती है कि लक्ष्य तक पहुँचने से पहले रूकने या भटकने से बचें एवं आत्म विश्वास से आगे बढ़े। दूसरा इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए एक योजना बनायें और उसका हर हाल में नियमित रूप से अनुपालन करें। अपने लक्ष्य को चुनौती के रूप में स्वीकार करें। तीसरी और अन्तिम बात यह है कि अनुपालन का क्रम कभी टूटने न दें। एक बार लक्ष्य तय कर लेने के बाद उसके प्रति समर्पण बहुत जरूरी है। समर्पण ही आपके निरन्तरता को बनाये रखता है। निरंतरता से ही सफलता मिलती है।
जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में स्नातक स्तर पर- बी.टेक (कम्प्यूटर साइंस, मैकेनिकल, इलेक्ट्राॅनिक एण्ड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग), बीटेक सीएस (आइबीएम, आर्टिफिषियल इंटेलीजेंस एण्ड मषीन लर्निंग), बीटेक (ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग), बीटेक (मैकट्रोनिक्स), बीटेक (लेटरल एंट्री), बी.फाॅर्मा, बी.फाॅर्मा (लेटरल एंट्री), डिप्लोमा इन फाॅर्मेसी, स्नातकोत्तर स्तर पर एम.फाॅर्मा (फार्मोकोलाॅजी एण्ड फार्मास्यूटिक्स) के नव-प्रवेशित छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन ओरिएंटेशन में शिरकत की।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय फार्मेसी विभागाध्यक्ष प्रो. मीनाक्षी वाजपेयी, चीफ प्राॅक्टर प्रो. आशीष शर्मा, प्रो. सुरेश प्रताप सिंह, प्रो. दीपक दास, डाॅ. चालरू भटनागर, प्रो. अतुल बंसल ने भी विश्वविद्यालय के शिक्षण सत्र के बारे में छात्रों को जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. अनिश्या शर्मा एवं इला मेहरोत्रा ने किया।