प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में अखिलेश सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू हुए निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर किए जाने के बाद राजनीति शुरू हो गई है। इस कड़ी में विश्वप्रसिद्ध ताजमहल का नाम बदलने की मांग की जा रही है। आगरा के ताजमहल का नाम बदलने के पीछे दलीलें भी दी जा रही हैं।
यूपी गौ सेवा आयोग के भोले सिंह ने कहा है कि अब सरकार को ताजमहल का भी नाम बदलकर तेजोलय कर देना चाहिए। उन्होंने ताजमहल को भगवान शिव का प्राचीन मंदिर बताते हुए इसका नाम बदलने की वकालत की।
यह दिया तर्क
प्रयागराज में दिए बयान में भोले सिंह ने कहा कि ताजमहल कभी भव्य शिव मंदिर था। यह इतिहास का शाश्वत सत्य है। उन्होंने कहा कि तेजोलय को बाद में मुस्लिम शासकों ने इस्लामिक लुक दिया। उन्होंने दावा किया कि आज भी ताजमहल में पानी की बूंदें टपकती हैं, यह बूंदें कहां से टपकती है इसका वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा सके हैं। भोले सिंह ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी के नाम पर किए जाने का स्वागत किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि वे लगातार कड़े फैसले ले रहे हैं।