Tuesday, November 26, 2024
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जीएलए के छात्रों ने चीनी एप कैमस्कैनर को दी मात, बनाया ‘‘स्कैनडाॅक्स‘‘

 

-मोबाइल एप स्कैनडाॅक्स के माध्यम से अपने दस्तावेजों को उच्च क्वालिटी में स्कैन कर बनायें पीडीएफ
मथुरा। आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाते हुए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा बीटेक के छात्रों ने चीनी एप कैमस्कैनर को मात देते हुए एक नया इंडियन एप तैयार किया है। इस एप के माध्यम से कंप्यूटर स्कैनर जैसी दस्तावेजों (डाॅक्यूमेंट) की स्कैनिंग मोबाइल के माध्यम से कर सकेंगे।
मोबाइल उपयोगकर्ता अपने दस्तावेजों (डाॅक्यूमेंट) को एक फाइल में सहेजने के लिए पहले चीनी एप कैमस्कैनर के माध्यम से प्रमाण-पत्रों को स्कैन करके पीफडीएफ फाइल में रखते थे। इस एप के माध्यम से स्कैनिंग करने पर कैमस्केनर का वाटरमार्कस भी आता था, जिससे साफतौर पर जाहिर होता था कि यह चीनी एप से स्कैन किए गए दस्तावेज हैं। इसी एप को मात देते हुए जीएलए विश्वविद्यालय के बीटेक कंप्यूटर साइंस के चार छात्र कन्हैया वार्ष्णेय, मुस्कान वार्ष्णेय, अनुग्रह अग्रवाल, जलांकि नायक ने ‘स्कैनडाॅक्स‘ एप तैयार किया है। इस पर छात्रों ने लाॅकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई के बाद अवसरों को भुनाते हुए कार्य किया है।
‘‘स्कैनडाॅक्स‘‘ के बारे में जानकारी देते हुए छात्रा जलांकि नायक ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई के बाद तकनीकी शिक्षा पर बिल्कुल भी कार्य नहीं हो पा रहा था। इधर भारत सरकार की पुकार थी कि युवा आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ायें। आत्मनिर्भरता को अपनाते हुए चार साथियों ने चीनी एपों को कैसे मात दी जाय इस पर विचार किया। चारों साथियों ने सोचा कि आज के समय प्रत्येक व्यक्ति को अपने दस्तावेजों को एक जगह सहेजने की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए वह कैमस्केनर का उपयोग करते हैं और उसके बावजूद वाटरमार्कस लगा आता है। इन सबसे छुटकारा पाने के लिए ‘‘स्कैनडाॅक्स‘‘ तैयार किया।
छात्रों ने बताया कि एप तो तैयार हो गया, लेकिन इसे प्लेस्टोर पर लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी और मार्केटिंग का फंडा अपनाया। तब जाकर यह प्लेस्टोर में 2 विज्ञापनों को छोड़कर 3 नंबर पर आ रहा है। इसके माध्यम से उच्च क्वालिटी में दस्तावेज स्कैन कर एक पीडीएफ फाइल तैयार कर सकते हैं। यही नहीं इसके अलावा अगर गलती से भी स्कैनिंग के दौरान कोई प्रमाण-पत्र आगे-पीछे स्कैन हो गया है तो पीडीएफ फाइल तैयार होने के बाद इसी एप के माध्यम से एडीटिंग कर फाइल को ठीक कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि अपने प्रमाण-पत्रों को स्कैन करने के बाद एप का लोगो यानि वाटरमार्कस दिखाई नहीं देगा।
छात्रों ने अपने विचार रखते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता का मतलब यह है कि अपनी क्वालिटी और ब्रांडिंग इस स्तर की करनी है कि लोग बाई च्वाइस उसे प्रयोग करें। आज पूरी दुनिया को भी यह विश्वास है कि भारत की उन्नति पूरे विश्व के लिए कल्याणकारी है। यह उन्नति तभी संभव है जब हम एक संकल्प लेकर अपने इस भारत को आत्मनिर्भरता के मार्ग पर चलाएं। आत्मनिर्भर होना खुद के लिए, अपने गाँव, शहर, जिले और देश के लिए बहुत जरूरी है। छात्रों का कहना है कि अभी वे इस पर काम करते रहेंगे। समय तथा लोगों की आवश्यकता के अनुसार अभी और फीचर्स जोड़ते रहेंगे।

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