मथुरा। जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस में गुरुवार को मनुष्यों और देवताओं में निर्विवाद रूप से विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिल्पी के रूप में प्रतिष्ठित भगवान विश्वकर्मा की जयंती वैदिक एवं पौराणिक मंत्रों की ध्वनि तथा हवनकुण्ड की पवित्र अग्नि में आहुतियों के बीच मनाई गई। इस अवसर पर संस्थान की निदेशक डॉ. नीता अवस्थी ने कहा कि जी.एल. बजाज के हर छात्र और छात्रा में भगवान विश्वकर्मा का अक्स झलकता है।
गुरुवार को जी.एल. बजाज संस्थान में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच न केवल भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की गई बल्कि संस्थान में स्थापित सभी मशीनों के साथ-साथ इंजीनियरिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले औजारों की भी पूजा की गई। विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने अपने संदेश में इंजीनियरिंग छात्रों को भगवान विश्वकर्मा से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि देवताओं के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा अपने आप में बिल्कुल अनूठे हैं, उन्होंने अपने कौशल से पौराणिक काल में देवताओं और मानव को ऐसी नायाब आकृतियां सौंपी, जिनकी शानदार संरचनाओं के बारे में सुनकर हम आज भी चकित हो जाते हैं।
जी.एल. बजाज की निदेशक डॉ. नीता अवस्थी ने इंजीनियरिंग और आर्किटेक्ट के छात्र-छात्राओं से अपने संदेश में कहा कि भगवान विश्वकर्मा ही हमारी इस खूबसूरत दुनिया के अद्वितीय रचनाकार हैं। जिस तरह विश्व के रचनाकार भगवान विश्वकर्मा जी ने इस संसार को इतना सुन्दर रूप प्रदान किया है ठीक उसी तरह आप सब इस देश व समाज को अपने कौशल व कुशलता से एक उत्कृष्ट रूप में ढाल सकते हैं।
पूजा-अर्चना कार्यक्रम में मैकेनिकल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जगवीर सिंह, प्रो. जीतेन्द्र सिंह व जी.एल. बजाज संस्थान के प्राध्यापक और कर्मचारी शामिल रहे। सभी ने भगवान विश्वकर्मा से शक्ति व सामर्य्ए प्रदान करने की प्रार्थना की ताकि वे सब अपने-अपने कार्यक्षेत्र में अपने निर्धारित कार्यों का सही ढंग से सम्पादन करते हुये अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकें।
जी.एल. बजाज के हर छात्र में भगवान विश्वकर्मा का अक्स, वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान विश्वकर्मा की पूजा
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