मथुरा। शनिवार को के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में उत्तर प्रदेश के शासनादेश के परिपालन में मेडिकल एथिक्स (चिकित्सकीय नैतिकता) पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारम्भ चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेन्द्र कुमार, विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा और चर्म रोग विशेषज्ञ डा. हर्ष आदि द्वारा मां सरस्वती के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।
मानुष हो तो वही रसखान बसौं ब्रज गोकुल गांव के ग्वारन… कवि रसखान के सवैये से विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा ने मथुरावासियों को प्रणाम करते हुए कहा कि धन्य हैं वे लोग जो ब्रजभूमि स्थित के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में चिकित्सकीय सेवाएं दे रहे हैं। साथ ही धन्यवाद उनका भी जिस कारण चिकित्सकों को यह अवसर मिला है, और वे हैं आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डा. रामकिशोर अग्रवाल जिनके अथक प्रयासों से आज यह चिकित्सा संस्थान उन्नति के शिखर पर पहुंचा है।
संगोष्ठी में वक्ताओं ने चिकित्सकों के नैतिक मानदण्डों के बारे में चर्चा की। संगोष्ठी को विभागाध्यक्ष चर्मरोग डा. हर्ष शर्मा, सर्जरी के डा. रवि बघेल, भेषज विज्ञान के डा. कृष्ण सिंह, नेत्र रोग विभाग की डा. नेहा सिंह, विकृति विज्ञान के डा. एस.डी. गुप्ता, ओ.टी. टेक्नीशियन योगेश आदि ने सम्बोधित किया। संगोष्ठी में सभी ने एकमत से माना कि रोगी के प्रति दया, संवेदनशीलता, जवाबदेही तथा उसकी नियमित देखभाल ही सही मायने में चिकित्सकीय नैतिकता है। सेमिनार में सभी चिकित्सक वक्ताओं ने माना कि मरीज के लिए चिकित्सक का व्यावहारिक रवैया, शुरू में देखभाल, सहायता, समर्थन पर केंद्रित है लिहाजा पेशेवर चिकित्सा नैतिकता की मुख्य विशेषता है।
वक्ताओं ने माना कि मानवता न केवल एक पेशे को चुनने के लिए मौलिक मानदण्ड है बल्कि चिकित्सा गतिविधि की सफलता को भी सीधे प्रभावित करती है। सच कहें तो नैतिकता वह अमूल्य निधि है जिसके द्वारा सामाजिक परिवेश को आसानी से बदला जा सकता है। नैतिकता का आधार पवित्रता, न्याय और सत्य है। नैतिकता को सामाजिक स्वीकृति प्राप्त होती है, अतः इसका पालन चिकित्सक ही नहीं प्रत्येक व्यक्ति का पावन कर्तव्य है। संगोष्ठी में बड़ी संख्या में चिकित्सक, नर्सेज तथा पैरा मेडिकल कर्मचारी उपस्थित रहे। आभार के.डी. मेडिकल कालेज-हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के चिकित्सा अधीक्षक डा. राजेन्द्र कुमार ने माना।
मरीज का सही उपचार और सेवाभाव ही चिकित्सकीय नैतिकता, के.डी. मेडिकल कालेज में हुई मेडिकल एथिक्स पर संगोष्ठी
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