नई दिल्ली। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को सोमवार को खारिज कर दिया। उन्होंने इस पर कहा कि प्रस्ताव उचित प्रारूप में नहीं था। वहीं उप सभापति के समक्ष हंगामा करने वाले आठ सासंदों को सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। इसके बावजूद आठों विपक्षी सांसद सदन में बैठे हैं।
सभापति नायडू ने कहा कि सदन की कार्यवाही के रिकार्ड के अनुसार उपसभापति ने सदस्यों को अपने स्थानों पर जाने और सदन में हंगामा नहीं करने तथा अपने संशोधन पेश करने के लिए बार बार कहा था।
नायडू के अनुसार, उपसभापति ने यह भी कहा था कि सदस्य अपने स्थानों पर लौट जाएं उसके बाद वह मतविभाजन कराएंगे। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ पेश किया गया प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप में नहीं है और इसके लिए जरूरी 14 दिनों के समय का भी पालन नहीं किया गया है।
आठ विपक्षी राज्यसभा सदस्य निलंबित
सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि कल हंगामे के दौरान सदस्यों का व्यवहार आपत्तिजनक और असंसदीय था। उन्होंने कहा कि कल का दिन राज्यसभा के लिए बहुत खराब दिन था। इस दौरान सदस्यों ने उपसभापति के साथ अमर्यादित आचरण भी किया।
इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा और सरकार ने आठ विपक्षी सदस्यों को मौजूदा सत्र के शेष समय के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। निलंबित किए गए सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांगेस के राजीव सातव, सैयद नजीर हुसैन और रिपुन बोरा, आप के संजय सिंह, माकपा के केके रागेश और इलामारम करीम शामिल हैं। इस दौरान सदन में हंगामा जारी रहा और सभापति ने करीब 9.40 मिनट पर बैठक 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।