– 1990 और 2010 में आगरा के कई थानों हुए थे केस दर्ज
– शासन ने डीएम, एसएसपी से मांगी रिपोर्ट
आगरा। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक एवं जिलाध्यक्ष सहित 16 पार्टी कार्यकर्ताओं पर लगे केस प्रदेश की योगी सरकार वापिस लेगी। सरकार ने इस मामले में आगरा के डीएम और एसएसपी से रिपोर्ट तलब की है।
अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण का कार्य शुरु होने के साथ ही इससे जुड़े केसों को भी समाप्त करने की तैयारी प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है। यूपी में सन 1990 में रामजन्म भूमि मंदिर निर्माण को लेकर हो रहे आन्दोलन के बीच आगरा में शासन की ओर से भाजपा से विधायक रहे रामप्रताप सिंह और कुछ अन्य लोगों के विरुद्ध केस दर्ज किया गया था। उन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने सहित अन्य धाराओं में एफआईआर हुई। वहीं पूर्व ज़िला अध्यक्ष श्याम भदौरिया और भाजपा कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास की धारा के तहत 2010 में केस दर्ज हुआ था। ये दोनों एफआईआर थाना हरीपर्वत में की गई थीं।
शासन की तरफ से भाजपा विधायक, पूर्व जिलाध्यक्ष समेत 16 लोगों पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने हत्या और अन्य धाराओं में दर्ज केसों को वापिस लेने की तैयारी की जा रही है। शासन ने आगरा डीएम, एसएसपी एवं शासकीय अधिवक्ता फ़ौजदारी से 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट चाही है।
पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष के अलावा ये कार्यकर्ता केसों में शामिल
केस वापिस करने के लिए मांगी गई रिपोर्ट में शिवकुमार राजौरा, धर्मेंद्र सोनी, अनिल कुमार, अरविंद कुमार, कैलाश, सुशील कुमार, रजनेश, राजा, राजू, राजकुमार और ज्ञानेंद्र शामिल हैं। इन पर आगरा के अलग-अलग थानों में केस दर्ज हैं।
पहले भी इन नेताओं पर लगे केस वापसी की मिल चुकी है मंजूरी
इससे पहले भी सांसद, विधायक सहित कई नेताओं पर दर्ज मामले वापिस लिये जा चुके है। हिन्दूवादी नेता प्रवीन तोगड़ीया, विधायक योगेंद्र उपाध्याय व पूर्व सांसद चौधरी बाबूलाल के विरूद्ध भी दर्ज मामलों को वापिस लेने की शासन की मंजूरी मिल चुकी है।