– 26 लाख रुपए की लागत से स्थापित किया गया था प्लांट
– ऑक्सीजन के लिए निजी एजेंसियों और अस्पतालों पर निर्भर अफसर
– यूपी के सीएम ने दिए थे ऑक्सीजन की कमी न होने के निर्देश
मथुरा। कोरोना काल में जहां जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन की कमी न होने के दावा किया जा रहा है वहीं जिला अस्पताल में 26 लाख रुपए की कीमत से लगे ऑक्सीजन प्लांट 10 साल बात भी चालू नहीं हो सका और वह कबाड़ साबित हो रहा है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए। आइसोलेशन वॉर्ड में ऑक्सीजन के पूरे इंतजामात किए जाए। इस पर डीएम न स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर ऑक्सीजन की कमी न होने के निर्देश दिए।
काबिलेगौर बात यह है कि मथुरा जिले में ऑक्सीजन की आपूर्ति निजी एजेंसी और अस्पतालों से की जा रही है। जबकि मथुरा के जिला अस्पताल में 10 साल पहले 26 लाख रुपए की लागत से लगाए गया ऑक्सीजन प्लांट
आज तक शुरु नहीं हो सका है। जबकि प्लांट के साथ ही ऑक्सीजन सप्लाई के लिए पाइप लाइन की फिटिंग भी कराई गई थी।
जिला अस्पताल में प्लांट लगाने के पीछे स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य सरकारी अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जरुरत के समय ऑक्सीजन की आपूर्ति करना था।
क्या कहते हैं अधिकारी-
मथुरा जिला अस्पताल के सीएमएस आरएस मौर्या ने जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की। उन्होंने इस संबंध में शुक्रवार को ऑफिस पहुंचने के बाद जानकारी देने की बात कही।
सीएमओ डॉ. संजीव यादव का कहना है कि जिला अस्पताल, जिला संयुक्त चिकित्सालय और जिला महिला अस्पताल को छोड़कर मेरे अधिकार क्षेत्र में आता है। इस बारे में नहीं बता पाउंगा। जरुरत पड़ने पर ऑक्सीजन इधर-उधर से ले रहे हैं।