प्रयागराज। कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ते देख हाईकोर्ट ने यूपी में लोगों का मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि प्रदेश में कोई भी नागरिक घर से बाहर बिना मास्क के दिखाई नहीं देना चाहिए। घर से बाहर निकलने वाला हर व्यक्ति यह सुनिश्चित करे कि उसका मुंह और नाक ढंका होना चाहिए। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले पर मौजूदा कानून के तहत ही कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
प्रत्येक थाने में एक टास्क फोर्स गठन के निर्देश
कोर्ट ने आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए हर जिले के प्रत्येक थाने में एक टास्क फोर्स गठित करने का निर्देश दिया है, जिसमें मौजूदा से ज्यादा संख्या में पुलिसकर्मी रखे जाएं। अदालत ने प्रशासन और पुलिस को इस बात के लिए भी आगाह किया है कि वह मास्क पहनना सुनिश्चित करने की नाकामी जनता पर नहीं थोप सकेंगे।
मास्क न पहनना पूरे समाज के प्रति अपराध
कोरोना संक्रमण की रोक थाम के प्रयासों की मॉनिटरिंग कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की पीठ ने कहा कि लोगों को यह समझना होगा कि मास्क न सिर्फ उनको संक्रमण से बचाएगा, बल्कि पूरे समाज को सुरक्षित करेगा। यदि कोई व्यक्ति मास्क नहीं पहनता है तो वह पूरे समाज के प्रति अपराध करेगा और समाज के प्रति अपराध करने वाले को दंडित किया ही जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि दुनिया भर के विशेषज्ञ इस बात को मान रहे हैं कि कोरोना से बचने के एक ही रास्ता है, शारीरिक दूरी और मास्क पहनना। यदि सभी लोग मास्क पहनने लगे तो इससे संक्रमण खुद ब खुद रुक जाएगा।
हर दिन की सूचना दे नगर निगम
कोर्ट ने नगर निगम प्रयागराज को निर्देश दिया कि वह कोरोना से संबंधित प्रगति की सूचना हर दिन हाईकोर्ट लीगल सेल को ई-मेल के माध्यम से दें। इसी प्रकार से वार्डों में नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर जोनल अफसरों को स्थिति से अवगत कराते रहें। कोर्ट ने होम आइसोलेशन वाले मरीजों के एक्स-रे और सीटी स्कैन के लिए हर जिले में एक अलग अस्पताल की व्यवस्था का निर्देश दिया है क्योंकि कोरोना संक्रमित मरीजों का सीटी स्कैन और एक्सरे कोई अस्पताल नहीं कर रहा है।