नई दिल्ली। दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने दिल्ली पुलिस को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मॉर्फ्ड वीडियो को अपलोड करने और प्रसारित करने को लेकर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इस मॉर्फ्ड वीडियो में एक गाने में उन्हें पब्लिक के प्रति सार्वजनिक रूप से अपशब्द कहते हुए दिखाया गया है।
वकील और एक्टिविस्ट अमित साहनी ने पहले दिल्ली पुलिस से दिल्ली के सीएम के छेड़छाड़ वाले वीडियो को अपलोड करने और प्रसारित करने को लेकर संबंधित प्रावधानों के तहत एक एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके बाद साहनी की तरफ से मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट किशोर कुमार की अदालत में शिकायत दर्ज की गई थी। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने एक अपमानजनक और अनुचित सामग्री वाले गीत को अपलोड करने को लेकर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री केजरीवाल का उक्त वीडियो दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम के ठीक एक दिन बाद यानी 12 फरवरी 2020 को अपलोड किया गया।
मजिस्टे्रे
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट किशोर कुमार ने अधिवक्ता अमित साहनी के तर्कों से सहमत होते हुए अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी और आईटी अधिनियम के उचित प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पश्चिम विहार थाना को निर्देश दिया। शिकायतकर्ता ने दलील दी कि दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम 11 फरवरी 2020 को घोषित होने के बाद उपरोक्त वीडियो 12 फरवरी को अपलोड किया गया, जिसमें संवैधानिक रूप से चुने गए मुख्यमंत्री को अपमानित किया गया है। साहनी ने तर्क दिया कि उपरोक्त गीत के स्वर और तरीका न केवल एक संवैधानिक रूप से निर्वाचित मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा को कम कर रहे हैं, बल्कि सार्वजनिक रूप से मतदाताओं के लिए भी अपमानजनक है, जिन्होंने अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में चुनने के उद्देश्य से आम आदमी पार्टी को वोट देते समय अपने चुनावी अधिकार का प्रयोग किया था।