Friday, October 18, 2024
Homeशिक्षा जगतनई शिक्षा नीति से फार्मेसी की शिक्षा में भी होगा सकारात्मक बदलाव

नई शिक्षा नीति से फार्मेसी की शिक्षा में भी होगा सकारात्मक बदलाव

संस्कृति स्कूल फार्मेसी द्वारा आयोजित वेबिनार में बोलते मुख्य वक्ता प्रोफेसर पीके साहू।

नई शिक्षा नीति से फार्मेसी की शिक्षा में भी होगा सकारात्मक बदलाव

संस्कृति विवि द्वारा आयोजित वेबिनार में बोले प्रोफेसर साहू
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के स्कूल आफ फार्मेसी द्वारा ‘शिक्षा परिषद और राष्ट्रीय नीति 2020’ के संदर्भ एक महत्वपूर्ण वेबिनार का आनलाइन आयोजन किया गया। वेबिनार के मुख्य वक्ता इंस्टीट्यूट आफ फार्मासिटिक्यल साइंस एंड रिसर्च (डीआईपीएसएआर) दिल्ली के प्रोफेसेर डा. पीके. साहू थे। उन्होंने अपने सारगर्भित वक्तव्य में कहा कि नई नीति के बुनियादी सिद्धांत बड़े स्तर पर शिक्षा प्रणाली और व्यक्तिगत संस्थानों का मार्गदर्शन तो करेंगे ही, साथ ही प्रत्येक विद्यार्थी की क्षमताओं की पहचान और उनके समग्र विकास के लिए भी लाभदायक होंगे।
प्रोफेसर साहू ने कहा कि फार्मेसी(एआईसीटी, पीसीआई, यूजीसी) में सरकारी भूमिका उत्तरदायित्वपूर्ण होगी। विद्यार्थी के लिए भी अपनी रुचि अनुसार प्रोजेक्ट को चुनने और सीखने के क्षेत्र में लचीलापन लाभदायक होगा। इस तरह से विद्यार्थी अपनी रुचि, प्रतिभा के अनुसार अपने भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कला और विज्ञान के बीच, व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं के बीच कोई विशेष अंतर नहीं है। मुख्य चीज है ज्ञान किस तरह से हासिल हो रहा है। विषय को रटा जा रहा है तो व्यर्थ है और वैचारिक स्तर पर विकास हो रहा है तो सही है। सीखने वाले विद्यार्थी की तर्क क्षमता में वृद्धि हो, वो नवाचार के प्रति प्रेरित हो, सकारात्मक सोच उत्पन्न करने वाली शिक्षा ही लाभप्रद है।
नई नीति में नैतिकता, मानव और संवैधानिक मूल्य जैसे सहानुभूति, दूसरों के लिए सम्मान, स्वच्छता, शिष्टाचार, लोकातांत्रिक भावना, सेवा भाव, सार्वजनिक संपत्ति के लिए सम्मान, वैज्ञानिक स्वभाव, स्वतंत्रता, जिम्मेदारी, बहुलवाद, समानता और न्याय जैसे बिंदुओं पर जोर दिया गया है। इसी तरह से बहुभाषावाद और भाषा की शक्ति को बढ़ावा दिया गया है। रिसर्च के महत्व को ध्यान रखते हुए इसको प्रमुखता दी गई है।
वेबिनार में संस्कृति स्कूल आफ फार्मेसी की विभागाध्यक्ष अनामिका श्रीवास्तव ने प्रारंभ में मुख्य वक्ता का परिचय कराया। वेबिनार में विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राणा सिंह के अलावा अनेक फैकल्टी, विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments