- संस्कृति ‘ओरियंटेशन प्रोग्राम-आरंभ 2020’
मथुरा। संस्कृति विश्वविद्यालय के ‘ओरियंटेशन प्रोग्राम-आरंभ 2020’ दूसरे दिन विशेषज्ञ वक्ताओं ने विद्यार्थियों को जहां एक ओर कोविड-19 के दौरान शिक्षण के तरीकों में विश्व स्तर पर हुए चुनौतीपूर्ण परिवर्तनों से परिचित कराया वहीं सफलता हासिल करने के गुरुमंत्र भी दिए। विद्यार्थियों के लिए व्याख्यान श्रंखला का दूसरा दिन भी कई मायनों में बहुत उपयोगी साबित हुआ है। साथ ही शिक्षकों को भी अनेक ऩई और उपयोगी जानकारियां हासिल हुईं।

सीखते रहने से हमारे ज्ञान और शोध की क्षमता बढ़ती है
ब्राजील की फेडरल युनिवर्सिटी आफ पर्नंबको की प्रोफेसर क्रिस्टीन गुसमाओ ने विद्यार्थियों को बताया कि कोविड-19 के चलते शिक्षण कार्य में चुनौतियां तो बहुत आईं लेकिन इससे शिक्षण संस्थानों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को उपलब्धियां भी बहुत हासिल हुई हैं। उन्होंने कहा कि आनलाऩ शिक्षा के विकल्प का सभी जगह बहुत प्रभावकारी तरीके से इस्तेमाल किया गया। हमने अपने विश्वविद्यालय अनेक ऐसे प्रोजेक्ट बनाए जिनसे बच्चों को बहुत कुछ नया सीखने, जानने और रिसर्च करने का मौका मिला।
सबसे अच्छा यह हुआ कि बच्चे स्नातक के हों या परास्नातक सभी ने इन प्रोजेक्ट में बड़ी रुचि दिखाई। कुछ प्रोजेक्ट हमने ऐसे भी बनाए जिनसे शिक्षक, विद्यार्थी और टेक्नीशियन लाभान्वित हुए और उन्होने इस महत्वपूर्ण बात को जाना कि, सीखते रहने से हमारे ज्ञान और शोध की क्षमता बढ़ती है। प्रोफेसर क्रिस्टीन ने बताया एक प्रोजेक्ट जिसका नाम है, ’लर्निंग नेवर स्टाप’ के द्वारा बेसिक स्कूल टीचरों को ओपन सेशन, एजूकेशन इन डिबेट, ग्रुप डिस्कशन के द्वारा बहुत सारे ज्ञान का प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि इस विपरीत समय में शिक्षकों को मौका मिला शिक्षण के नए-नए तरीके इजाद करने का, प्रयोग करने का और ओपन एजूकेशन देने का।
फाउंडर युवा जतिन सबरवाल ने दिए विद्यार्थियों को गुरु मंत्र
फीस्टर वेंचर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ और को फाउंडर युवा जतिन सबरवाल ने विद्यार्थियों को सफलता के गुरु मंत्र दिए। उन्होंने अपनी सफलता की कहानी बताते हुए कहा कि मैंने 18 साल कार्पोरेट जगत में खूब काम किया और बड़े पद हासिल किए। लेकिन मैंने बहुत पहले ही अपनी कंपनी खड़ी करने का लक्ष्य बना रखा था। हालांकि कुछ विलंब से ही मैंने दो साल पहले अपनी कंपनी बनाई और कोविड-19 के शुरुआती दौर में ही असफलता का सामना करना पड़ा। हम घबराए नहीं और अपने को तेजी से बदला। इसका लाभ यह हुआ कि हमारी कंपनी बहुत जल्दी संकट से उबर कर प्रोफिट की पोजीशन में आ गई।
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम के कहे शब्द देंगे लक्ष्य पाने की प्रेरणा
उन्होंने कहा कि मुझे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम साहब की यह बात बहुत अच्ची लगती है जो उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कही थी कि बड़े पदों पर रहने के बाद भी एक टीचर बनने की इच्छा रखता हूं। सफल युवा उद्यमी जतिन ने विद्यार्थियों से कहा कि सबसे पहले अपना लक्ष्य निर्धारित करें और फिर उसको हासिल करने का प्रयास करें। उन्हें अलीबाबा के मालिक, अर्नाल्ड श्वार्जनेगर का उदाहरण देते हुए कहा कि इन लोगों ने अपने लक्ष्य को हासिल किया क्योंकि वे असफलताओं, आलोचनाओं से घबराए नहीं बल्की दूने प्रयास किये। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अपने शिक्षकों से तालमेल बनाएं, शिक्षक ही आपको आपका लक्ष्य हासिल कराने में बड़ी भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि दुनिया हर हफ्ते, हर घंटे बदल रही है आपको उससे तालमेल बिठाकर कर अपने को कौशलयुक्त करना होगा।
विद्वानों के अनुभवों से विद्यार्थियों का लक्ष्य पाना होगा आसान
ज्यूम एप और फेसबुक पर हो रहे इस लाइव कार्यक्रम के दूसरे दिन विवि के कुलपति प्रोफेसर सीएस दुबे ने अतिथियों से विद्यार्थियों का परिचय कराते हुए कहा कि हमें उम्मीद है विद्यार्थी इन विद्वानों के अनुभवों का लाभ अपने जीवन में उठाकर अपना लक्ष्य आसानी से हासिल कर सकेंगे। कार्यक्रम के अंत में स्कूल आफ इंजीनियरिंग के डीन सुरेश कासवान ने अतिथि वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया।