देशभर में तेजी से बढते प्रदूषण की रोकथाम के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकारें प्रयास में लगी हैं। आए दिन नए कार्यक्रम किए जा रहे हैं। कुछ लोग पर्यावरण की रक्षा के लिए नए कदम उठा रहे हैं। लोगों ने मोटरसाइकिल को छोड़कर साइकिल से ऑफिस जाना शुरु कर दिया है। जिससे वायु प्रदूषण कम हो रहा है। जबकि कई जगहों पर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक को रिसाइकल भी किया जा रहा है। कई जगहों पर पुरानी बोतलों के इस्तेमाल से नई चीजों का आविष्कार किया जा रहा है।
ऐसे ही हैदराबाद के प्रोफेसर सतीश कुमार ने खराब प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने की तकनीक निकाली है। प्रोफेसर सतीश कुमार के कार्यों ने लोगों को सोचने पर हैरान कर दिया है। जो भी इस करतब के बारे में सुनता है वह चकित हो जाता है। प्लास्टिक के साथ पेट्रोल होना कितना अविश्वसनीय है। उन्होंने इस प्रक्रिया को प्लास्टिक पायरोलिसिस नाम दिया है।
प्रोफेसर सतीश कुमार का कहना है कि प्लास्टिक से डीजल, विमानन ईंधन और पेट्रोल बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि यह पेट्रोल पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है।सतीश कुमार ने हाइड्रॉक्सी प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी बनाई है जो वित्त, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत पंजीकृत है।
बताया गया है कि वह इस प्रतिक्रिया को अपना रहा है क्योंकि उसने कम से कम एक टन प्लास्टिक पेट्रोल बनाया है। वे इस पेट्रोल को 5 रुपये से लेकर 40 रुपये प्रति लीटर में बेच रहे हैं।