- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने किया जिला कारागार का निरीक्षण
- जेलर को दिए जेल की रसोई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश
मथुरा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव दीक्षा श्री ने जिला जेल का का निरीक्षण किया। जेल की रसोई में झूलते विद्युत तार और अपर्याप्त प्रकाश व्यवस्था के साथ-साथ महिला बंदियों के बैरक में रहने की पर्याप्त जगह करने के निर्देश दिए हैंं। यह निरीक्षण उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला विधिक प्राधिकरण की अध्यक्ष, जनपद न्यायाधीश साधना रानी ठाकुर के निर्देश पर किया।
सर्वप्रथम पाकशाला (रसोईघर) का निरीक्षण किया गया। कुछ बंदी रसोई घर में खाना बना रहे थे। बंदियों के मध्य सोशल डिस्टेंस का पालन तथा मास्क का प्रयोग किया जा रहा था। जेलर द्वारा बताया गया कि बंदियों से प्रथक प्रथक शिफ्ट में काम लिया जाता है, जिससे कोविड-19 के दृष्टिगत पारित दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जा सके। बंदियों हेतु बनाए गए भोजन की गुणवत्ता की जांच की गई तो भोजन की गुणवत्ता ठीक पाई गई। भोजन साफ व स्वच्छ पाया गया। रसोई घर में साफ सफाई पाई गई।
सायँकाल के भोजन की तैयारी की जा रही थी जिसमें अरहर की दाल, पालक की सब्जी और रोटी का होना पाया गया। रसोई घर में बिजली के खुले तार लटकते हुए पाए गए, जिसके के संबंध में उपस्थित जेलर को निर्देशित किया गया कि उक्त बिजली के खुले तारों को अविलंब ठीक कराया जाए जिससे कोई दुर्घटना ना हो। पाकशाला (रसोईघर) में प्रकाश की समुचित व्यवस्था नहीं पाई गई, जिसके संबंध में जेलर द्वारा बताया गया कि शीघ्र ही पाकशाला की रंगाई एवं प्रकाश की व्यवस्था करा दी जाएगी।
तत्पश्चात जेल अस्पताल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान जेल चिकित्सक डॉ उपेंद्र सोलंकी उपस्थित मिले। इस रोगी कक्ष में 35 बंदी मरीजों का इलाज होता पाया गया। बंदी मरीजों को स्वच्छ पानी हेतु एक आर.ओ. तथा मनोरंजन हेतु एक टीवी अस्पताल में लगी पाई गई। उपस्थित सभी बंदियों से वार्ता की गई तथा उनके स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी चिकित्सक से ली गई। चिकित्सक द्वारा बंदी मरीजों हेतु गार्ड उपलब्ध होने की अति आवश्यकता बताई गई।महिला बैरक में निरूद्ध महिला बंदियों से वार्ता की गई। महिला बंदियों ने बताया कि बच्चों को भोजन में दूध, दाल, फल, सब्जियां कारागार प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही हैं।
बैरकों में महिला बंदियों के निवास हेतु पर्याप्त स्थान नहीं है, इस संबंध में जेलर जिला कारागार मथुरा द्वारा बताया गया कि महिला बैरक में महिलाओं की क्षमता अधिक होने के कारण व बैरक में जगह कम होने के कारण महिलाओं हेतु नवीन बैरक का निर्माण कार्य किया जा रहा है तथा महिलाओं हेतु एक नवीन चिकित्सालय का निर्माण किया जा रहा है। निशुल्क विधिक सेवा हेतु अधिवक्ता की आवश्यकता के संबंध में महिला बंदियों द्वारा बताया गया कि सभी के पास व्यक्तिगत अधिवक्ता उपलब्ध है।
जिला कारागार के निरीक्षण के दौरान जेलर महाप्रकाश सिंह, डिप्टी जेलर संदीप कुमार, जेल चिकित्सक डॉक्टर उपेंद्र सोलंकी तथा जिला मुख्यालय पर नियुक्त पराविधिक स्वयंसेवक देवकीनंदन शर्मा उपस्थित रहे।