श्रीकृष्ण विराजमान को लेकर कोर्ट में की गई याचिका में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा भी मथुरा न्यायालय के समक्ष पक्ष रखेगी। इसे लेकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक की गई। इसमें देशभर के तीर्थपुरोहितों ने सहभागिता की।
बैठक की शुरुआत महासभा के वरिष्ठ महामंत्री श्रीकांत वशिष्ठ के द्वारा पूर्व की बैठक में पारित हुए प्रस्तावों को पदाधिकारियों के समक्ष रखकर की गई। इसके बाद मथुरा न्यायालय में भगवान श्री कृष्ण विराजमान आदि वनाम उ.प्र सुन्नी सेंट्रल वकफ बोर्ड मामले मै श्री कृष्ण जन्मस्थान की भूमि मुक्त कराने के लिए दाखिल की गई याचिका में तीर्थ पुरोहितों को भी अपनी बात रखने के लिए सक्षम कोर्ट में अपना पक्ष दाखिल करने के लिए प्रस्ताव लाया गया। जिस पर सभी ने सहमति देते हुए इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक और उपाध्यक्ष नवीन नागर को महासभा का पक्ष रखने के लिए अधिकृत किया गया।
उत्तराखंड सरकार द्वारा चार धाम के लिए बनाए गए देवस्थान बोर्ड के गठन के विरोध में स्थानीय तीर्थ पुरोहितों और महासभा द्वारा विगत कई महीनों से किए जा रहे विरोध व धरना प्रदर्शन के बाद भी सोई सरकार को जगाने और हर की पैड़ी हरिद्वार मै मां गंगा की अविरल धारा को सरकार द्वारा स्क्रैप चैनल घोषित किए जाने विरोध में दीवाली बाद देश भर के तीर्थ पुरोहितों द्वारा वृहद स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। इसका नेतृत्व करने के लिए वरिष्ठ महामंत्री श्री श्रीकांत वशिष्ठ को नामित किया गया।
तीसरे प्रस्ताव में महाराष्ट्र सरकार द्वारा नासिक ,ट्रमकश्वेर व भीमा शंकर सहित महाराष्ट्र के सभी तीर्थो के मन्दिरों के न खोलने के कारण वहां के तीर्थ पुरोहितों के समक्ष आ रही समस्याओं को लेकर रखा गया। इस पर राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने सभी को आश्वस्त किया कि वह जल्द ही वहां के मुख्यमंत्री से एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात कर मंदिरों को शीघ्र खुलवाने की मांग करेंगे। चौथा प्रस्ताव दक्षिण भारत के कर्नाटका के बेल्लूर तीर्थ से स्वामी श्री मुरली और तमिलनाडु के रामेस्वरम से रवींद्र दशपुत्रे पंडा ने रखा। जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों ने कोरोना काल में सभी की मदद की लेकिन तीर्थ पुरोहितों की अनदेखी की गई। जबकि वर्तमान परिस्थितियों में सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना आजीविका को लेकर तीर्थ पुरोहितों को करना पड़ रहा है। इस पर सभी ने आपदा काल में एक दूसरे को संबल और सहयोग करने का आव्हान करते हुए महासभा की तरफ से केंद्र और प्रदेश सरकारों को पत्र लिख कर पुरोहितों को आर्थिक सहयोग की और समस्यायों के समाधान किए जाने की मांग की।
बैठक का समापन वृंदावन,सोरों,मिश्रित तीर्थ की समस्यायों में यथोचित कार्यवाही के निर्णय के साथ किया गया। बैठक में देश के तीर्थों में रामेश्वर, वेल्लूर , नासिक ट्रमकेश्वर,भीमाशंकर ,उज्जैन ,सुल्तानगंज ,गया ,राजगीरी ,प्रयागराज ,वैद्यनाथ धाम,हरिद्वार मथुरा ,वृंदावन महावन सोरों ,कुरुक्षेत्र,बासुकीनाथ ,ज्वालाजी ,बद्रीनाथ केदारनाथ,यमुनोत्री, ओम्कारेश्वर, नैमिसरण, किस्किंधा सहित देश के 50 से ज्यादा तीर्थ पुरोहित महासभा के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक मे हरिद्वार से सुरेन्द्र शिखोला ,प्रयागराज से चन्द्रनाथ चकहा व अमित राज वैद्य,वृंदावन से पवन गौतम, विठुर से शिवदीन दुबे ,उज्जैन से महामंत्री राजेश त्रिवेदी व युवा इकाई के अध्यक्ष अमर डिब्बे वाला ,प्रेमप्रकाश मिश्र मिश्रित तीर्थ ,धीरेन्द्र उपाध्याय राजगीर,विनोद शुक्ला केदारनाथ ,सतीश शुक्ल ,दिलीप शुक्ल नासिक , मधुकर गावड़े भीमाशंकर,जयंत शिखरे ट्रुमकेश्वर ,संजय झा वासुकी नाथ ,संजय चतुर्वेदी ,मुकेश स्वामी मथुरा ,सुशील उपाध्याय व हेमंत पंडित सोरों आदि पदाधिकारी उपस्थित थे।