अहोई अष्टमी का व्रत हर साल कृष्णपक्ष की अष्टमी को रखा जाता है। अहोई अष्टमी का व्रत इस साल 8 नवंबर को है। इस दिन तारों को अर्घ्य दिया जाता है। तारों को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत पूर्ण होता है। अहोई अष्टमी का व्रत निर्जला रखा जाता है। यह व्रत संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखा जाता है। अहोई अष्टमी के व्रत में नया करवा नहीं लिया जाता है। अहोई अष्टमी पर चाकू से सब्जी या किसी नुकीली चीज जैसे सुई का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
अष्टमी तिथि प्रारंभ: 08 नवंबर को सुबह 07 बजकर 29 मिनट
अष्टमी तिथि समाप्त: 09 नवंबर को सुबह 06 बजकर 50 मिनट पर
पूजा का मुहूर्त: 5 बजकर 37 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट के बीच
कुल अवधि: 1.27 मिनट
अहोई अष्टमी 2020
इस वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 08 नवंबर को सुबह 07 बजकर 29 मिनट से हो रहा है। इस तिथि का समापन 09 नवंबर को सुबह 06 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसी मान्यता है कि माताएं के अहोई अष्टमी की पूजा करने से उनकी संतान की सभी परेशानियां भी समाप्त हो जाती हैं। महिलाएं पूजा के लिए अहोई माता का चित्र लगाकर पूजा करती हैं।
अहोई अष्टमी 2020 पूजा मुहूर्त
अहोई अष्टमी की पूजा शाम 05 बजकर 37 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट के बीच कर लेना चाहिए।
नोट: ये आलेख पंडितों से की गई बात पर आधारित है। ये सत्य और सटीक है इस तरह का दावा हम नहीं करते हैं।