के.डी. मेडिकल कॉलेज में दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित
मथुरा। नवगठित राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग द्वारा मेडिकल पाठ्यक्रम में किए गए आवश्यक बदलाव के सफल क्रियान्वयन के लिए मंगलवार को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में दो दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला में विशेषज्ञ शिशु शल्य चिकित्सक श्याम बिहारी शर्मा ने कहा कि हम स्वयं व्यावहारिक बनकर ही काबिल डॉक्टर बना सकते हैं।
एमबीबीएस के छात्र-छात्राओं को सैद्धांतिक ज्ञान देने के साथ ही हम उन्हें व्यावहारिक ज्ञान दें। इससे उनमें अनुशासन और संस्कार पैदा होंगे। कार्यशाला का शुभारम्भ प्राचार्य डॉ. रामकुमार अशोका व शैक्षिक अनुसंधान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार धनविजय ने मां सरस्वती के चित्रपट पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया।
डॉ. शर्मा ने शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यशाला में कहा गया कि योग्य डॉक्टर बनने और बनाने के लिए पढ़ाई के साथ ही शिक्षक और छात्र में अनुशासन के साथ ही संस्कारों का होना बहुत जरूरी है, इसके लिए शिक्षक को रोल मॉडल के रूप में सामने आना होगा। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर बनना काफी नहीं बल्कि एक योग्य डॉक्टर बनना महत्वपूर्ण है, जो मरीज का हमदर्द और दोस्त हो।
डॉ. शर्मा ने कहा कि नवगठित राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग द्वारा मेडिकल पाठ्यक्रम में न केवल आमूलचूल परिवर्तन किए गए हैं बल्कि मेडिकल शिक्षक व विद्यार्थियों की जवाबदेही भी तय की गई है। डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने मेडिकल शिक्षा में व्यावहारिकता के साथ ही विभिन्न माडलों के माध्यम से उपचार प्रक्रिया के सरलीकरण पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि हम छात्र-छात्राओं को किसी प्रतिकृति के माध्यम से बेहतर प्रयोगात्मक ज्ञान दे सकते हैं। डॉ. शर्मा ने स्वयं निर्मित माडल से चिकित्सकों को शल्य क्रिया से रूबरू कराया। ऐसे माडल बाजार में बहुत महंगे मिलते हैं।
प्राचार्य डॉ. रामकुमार अशोका ने कहा कि एमबीबीएस शिक्षा में व्यावहारिकता लाने के लिए शिक्षक और विद्यार्थी दोनों को स्वयं में कई बदलाव लाने होंगे तथा पढ़ने और पढ़ाने की प्रक्रिया को समझना होगा। नई शिक्षा नीति में परिवर्तन के लिए एनएमसी ने एमबीबीएस के साढ़े चार साल के पाठ्यक्रम में सैद्धांतिक शिक्षा से अधिक व्यावहारिक शिक्षा पर जोर दिया है। यह खुशी की बात है कि एनएमसी के निर्देशानुसार के.डी. मेडिकल कॉलेज में स्किल लैब, सुव्यवस्थित ई-लाइब्रेरी होने के साथ ही यहां की मेडिकल एज्यूकेशन यूनिट बेहतर कार्य कर रही है।
मेडिकल एज्यूकेशन यूनिट की को-ऑर्डिनेटर डॉ. गगनदीप कौर, मेडिकल एज्यूकेशन कमेटी के सदस्य डॉ. अमीनुर रहमान, डॉ. देवेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में चिकित्सकों ने कार्यशाला का लाभ उठाया। दो दिवसीय कार्यशाला की मानीटरिंग मौलाना आजाद मेडिकल कालेज नई दिल्ली के प्रो. (डॉ.) देवेन्द्र मिश्रा द्वारा सतत आनलाइन की जा रही है।