मथुरा। मथुरा का सुप्रसिद्ध श्रीकृष्ण महोत्सव यानी कंस वध लीला का आयोजन 24 नवंबर को कंस टीला पर आयोजित किया जाएगा। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण इस बार जुलूस नहीं निकलेगा और वध के लिए बनाए जाने वाले कंस का कद भी पिछली वर्ष की तुलना में छोटा होगा। कंस वध की तैयारियों जोरों से चल रही हैं।
श्री माथुर चतुर्वेद परिषद के मुख्य संरक्षक महेश पाठक ने बताया चार दिवसीय श्री कृ़ष्ण महोत्सव का आयोजन वैश्विक महामारी कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए मनाया जाएगा। इस की शुुरुआत 22 नवंबर से होगी। 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर्व भीकचन्द्र सेठ की गली से गोपाल बाग तक गोचरण लीला का आयोजन होगा। इसमें भगवान कृष्ण और बलराम के स्वरुप ग्वाल-बालों के साथ गाय चराने जाएंगे, लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते प्रतिवर्ष निकालने वाला जुलूस इस बार नहीं निकलेगा। प्रशासन ने कोरोना के चलते एक स्थान पर सौ लोग एकत्र होने की अनुमति दी है। आयोजन स्थल पर सभी लोग फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे।
23 नवंबर को विश्राम घाट पर कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। इसका समय शाम सात से दस बजे तक होगा। इसमें स्थानीय कवियों के साथ अन्य स्थानों से भी कवियों को बुलाया गया है। 24 नवंबर को कंस टीले पर कंस वध मेला का आयोजन होगा। प्रतिवर्ष की तरह कंस टीले पर कंस वध लीला का आयोजन होगा।
इस बार प्रतीकात्मक कंस जो बनाया जाएगा उसकी लंबाई कम होगी जबकि चेहरा पिछलं वर्ष की तरह ही होगा। सभी समाज के लोग कंस को कूटेंगे। इसके पश्चात भगवान कृष्ण बलराम के स्वरुप जो हनुमान गली से चलेंगे। लेकिन इस बार सवारी के तौर पर न ले जाकर उनको अंतापाड़े पहुंचाएंगे। इसके पश्चात वह विश्राम घाट पर पहुंचाएंगे। उत्सव को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। यमुना किनारे पहले विराजमान कृष्ण बलराम के स्वरुप की आरती होगी। उसके बाद यमुना महारानी की आरती की जाएगी।