Sunday, November 24, 2024
Homeडिवाइन (आध्यात्म की ओर)अक्षय नवमी: परिक्रमा में उमड़ा आस्था का सैलाब, कोरोना पर रही आस्था...

अक्षय नवमी: परिक्रमा में उमड़ा आस्था का सैलाब, कोरोना पर रही आस्था भारी

मथुरा। कोरोना काल में अक्षय नवमी पर सोमवार को मथुरा-वृंदावन परिक्रमा मार्ग में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। भक्ति में सरोबार भक्तों ने कोरोना वायरस के संक्रमण की परवाह किए बगैर सुबह सवेरे से ही तीन वन मथुरा, वृन्दावन एवं गरुण गोविन्द की परिक्रमा पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ लगाई। लाखों परिक्रमार्थियों ने परिक्रमा की। इसमेें ब्रजमंडल के अलावा अन्य क्षेत्रों से भी अक्षय पुण्य प्राप्त करने क लिए परिक्रमा की।

समाजसेवियों ने कदम-कदम पर की परिक्रमार्थियों की सेवा

सोमवार सुबह से ही परिक्रमार्थी भक्ति में सराबोर होकर हरिनाम संकीर्तन करते हुए परिक्रमा लगा रहे थे। परिक्रमार्थियों की सेवा के लिए समाजसेवियों ने जगह-जगह शिविर लगाए। इन शिविरों में गर्म चाय, दूध, प्रसाद, स्वल्पाहार वितरित किया गया। परिक्रमा करने वालों में ग्रामीण क्षेत्रों के लोग टोलों में परिक्रमा करते नजर आए। परिक्रमार्थियों में सिवाय अपने आराध्य की भक्ति के कोरोना वायरस का खौफ दूर-दूर तक दिखाई नहीं दिया न ही उन्होंने कोरोना से बचाव का कोई उपाय किया।

वृंदावन की पंचकोसी परिक्रमा उमड़े भक्त

वहीं मंदिरों की नगरी वृंदावन में अक्षय नवमी पर्व पर श्रद्धालुओं का तांता लगा। परिक्रमा मार्ग में कोरोना वायरस पर आस्था पड़ी देखी गई। लाखों लोगों ने अक्षय नवमी पर परिक्रमा करके अक्षय पुण्य की प्राप्ति की। लेकिन परिक्रमार्थियों की परेशानियों की अनदेखी कर नगर निगम द्वारा परिक्रमा मार्ग में किसी तरह की व्यवस्थाएं नहीं की गई। नतीजतन परिक्रमार्थियों को जर्जर मार्ग से होकर परिक्रमा देनी पड़ी, जिससे परिक्रमार्थियों के पैर घायल हो गए। वहीं घरों में रामायण पाठ, सत्संग, कथा एवं भंडारे हुए।

अक्षय नवमी की ये है मान्यता

अक्षय नवमी को लेकर मान्यता है कि इस पावन दिवस पर ब्रज के विभिन्न तीर्थधाम में मुख्य विग्रह की परिक्रमा करने से न केवल मोक्ष की प्राप्ति होती है बल्कि व्यक्ति के कष्ट दूर हो जाते हैं मगर अनुष्ठान का भावपूर्ण होना आवश्यक है। इस पर्व पर किया गया पुण्य अक्षय रहता है। ब्रजमंडल में मथुरा, वृन्दावन , गोवर्धन, बरसाना की परिक्रमा करने के लिए देश के विभिन्न भागों से आकर लोग यहां के किसी धाम की परिक्रमा कर अपने जीवन को धन्य करते हैं क्योंकि धार्मिक ग्रन्थों में यहां तक कहा गया है कि अक्षय नवमी अक्षय तृतीया की तरह ही फलदायिनी है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments