Sunday, November 24, 2024
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डाक विभाग पर होगी कोरोना वैक्सीन को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने की जिम्मेदारी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को हराने के लिए देश में जहां वैक्सीन लाने की तैयारी की जा रही है। वहीं वैक्सीन को सुरक्षित रखने और उसे देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के भी इंतजामातों पर कार्य तेजी से किया जा रहा है। जहां एक तरफ वक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए जिले स्तर पर वक्सीन स्टोरेज सेंटर बनाए जा रहे हैं। वहीं उसे जगह-जगह पहुंचाने के लिए पोस्ट ऑफिसों को भी तैयार किया जाएगा। इस पर केन्द्र एवं प्रदेश सरकारों ने युद्ध स्तर पर काम शुरु कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक वैक्सीन आने के बाद इसे देश के कोने-कोने में पहुंचाने के लिए पोस्टल नेटवर्क का इस्तेमाल किया जा सकता है। यही नहीं, विभाग ने इसके ट्रांसपोर्टेशन को लेकर कोल्डचेन बनाने की तैयारी पर भी बातचीत शुरू कर दी है। ताकि वैक्सीन आने के बाद उसे जरूरी तापमान पर देश में सुदूर इलाकों तक पहुंचाया जा सके।

मामले से जुड़े अधिकारी के मुताबिक अभी वैक्सीन किस रूप में आएगी और कितने तापमान पर उसका ट्रांसपोर्टेशन होगा, इस बारे में पुख्ता निर्देश नहीं मिले हैं, लेकिन पहले से तैयारी इसलिए शुरू हो गई है ताकि निर्देश मिलने के बाद बिना समय गंवाए इस पर काम किया जा सके। इस काम में विभाग की 1500 से ज्यादा गाड़ियां, जिनमें करीब एक हजार जीपीएस से लैस गाडियों को इस काम में लगाए जाने की उम्मीद है। विभाग में इस संभावना पर भी विचार विमर्श किया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से निश्चित तापमान को बनाए रखते हुए बॉक्स मुहैया कराए जा सकें, जिन्हें निश्चित समय में डाक विभाग के कर्मचारी तय जगह पर पहुंचा पाएंगे।

पहले भी सैम्पलों को टेस्टिंग लैब्स तक पहुंचा चुका है डाक विभाग

डाक विभाग पहले भी टीबी से जुड़े सैम्पल को निर्धारित तापमान पर रिकॉर्ड समय में टेस्टिंग लैब्स में पहुंचाने का काम कर चुका है। साथ ही नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन यानि नाको के साथ जरूरी दवाओं और सैंपल के ट्रांसपोर्टेशन से विभाग जुड़ा रहा है। नार्को की तरफ से भी विभाग को तापमान सही रखे जा सकने वाले बॉक्स में जरूरी दवाइयां और सैंपल दिए जाते थे, जिन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाना होता था। कोरोना महामारी के दौरान जब देशव्यापी लॉकडाउन हुआ था उस दौरान डाककर्मियों ने बड़े पैमाने पर पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानि पीपीई किट को भी जिला अस्पतालों और निर्धारित स्वास्थ्य केंद्रों में पहुंचाने का काम किया है।

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