देवउठनी एकादशी 25 नवंबर को है। इस एकादशी को देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस एकादशी पर तुलसी महारानी और शलिग्राम पूजन का विशेष महत्व होता है और भक्तों द्वारा हर्षोल्लास के साथ विवाह संंस्कार महोत्सव कराया जाता है।
साल की इस बड़ी एकादशी पर अगर आपके पास मंत्र, चालीसा और आरती का समय नहीं है तो इस सरल स्तुति से करें तुलसी जी का पूजन और पाएं अपार धनसंपदा और ऐश्वर्य का आशीर्वाद…। आइए पढ़ें…
मां तुलसी की स्तुति
नमो नमो तुलसी महारानी
नमो नमो हरि की पटरानी
जाको दरस परस अघ नासे
महिमा वेद पुराण बखानी
साखा पत्र, मंजरी कोमल
श्रीपति चरण कमल लपटानी
धन्य आप ऐसो व्रत किन्हों
सालिग्राम के शीश चढ़ानी
छप्पन भोग धरे हरि आगे
तुलसी बिन प्रभु एक ना मानी
प्रेम प्रीत कर हरि वश किन्हें
सांवरी सूरत ह्रदय समानी
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
भक्ति दान दीजै महारानी।